scriptEclipse on diwali : 27 साल बाद दिवाली और गोवर्धन पूजा पर ग्रहण का साया | After 27 years, the shadow of eclipse on Diwali and Govardhan Puja | Patrika News
जयपुर

Eclipse on diwali : 27 साल बाद दिवाली और गोवर्धन पूजा पर ग्रहण का साया

इस वर्ष के आखिरी सूर्य ग्रहण के कारण इस बार पांच दिवसीय दीपोत्सव छह दिवसीय होगा। चतुर्दशी युक्त अमावस्या में दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा के दिन खंडग्रास सूर्यग्रहण रहेगा। भारत में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 4.15 से 5.30 के मध्य होगी। ऐसा संयोग 27 साल बाद बना है।

जयपुरOct 04, 2022 / 10:49 pm

Anand Mani Tripathi

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इस वर्ष के आखिरी सूर्य ग्रहण के कारण इस बार पांच दिवसीय दीपोत्सव छह दिवसीय होगा। चतुर्दशी युक्त अमावस्या में दिवाली का पर्व 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि 25 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा के दिन खंडग्रास सूर्यग्रहण रहेगा। भारत में सूर्य ग्रहण की शुरुआत शाम 4.15 से 5.30 के मध्य होगी। ऐसा संयोग 27 साल बाद बना है।

तड़के 4.15 बजे से सूतक

पं.दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि 25 अक्टूबर को तड़के 4.15 बजे से सूतक लग जाएगा। सूर्य ग्रहण का प्रभाव होने से गोवर्धन पूजा और अन्नकूट अगले दिन बुधवार को मनाया जाएगा। जयपुर में शाम 4.32 बजे सूर्यग्रहण प्रारंभ होगा जो शाम 5.50 बजे सूर्यास्त होगा। यानी 52 प्रतिशत सूर्यग्रहण होने के कारण शाम 5.33 बजे आधा बिंब 50 प्रतिशत ही चमकीला दिखेगा। सबसे पहले जम्मू कश्मीर में शाम 4.15 बजे ग्रहण दिखेगा।

ज्योतिषाचार्य पं.पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि आमतौर पर गोवर्धन पूजा के दिन भगवान को गर्म तासीर के व्यंजन बाजरा, चावल, मूंग और मोठ सहित कच्चे भोजन का भोग लगाया जाता है। इस बार यह परम्परा टूटेगी। सूर्य ग्रहण के दिन गोविंद देवजी मंदिर में शाम को दर्शन खुले रहेंगे। 25 अक्टूबर को शाम 5 बजे वाली ग्वाल झांकी नहीं होगी। संध्या झांकी 5.45 से 6.45 के बजाय 7.30 से 8.15 तक व शयन झांकी रात 8 से 8.15 के बजाय 8.45 से रात 9 बजे तक होगी। ग्रहण काल के दौरान मंदिर के पट खुले रहेंगे एवं हरिनाम संकीर्तन होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार दिवाली पूजा पर ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं होगा।

बिड़ला तारामंडल के सहायक निदेशक संदीप भट्टाचार्य ने बताया कि सूर्य ग्रहण देखने के लिए एक्लिप्स ग्लास का इस्तेमाल करें। इस दौरान चन्द्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीचों बीच आ जाएगा, जिससे चन्द्रमा की परछाई पृथ्वी पर पड़ेगी और कुछ देर के लिए सूर्य का प्रकाश कम दिखाई देगा। भारत के अधिकांश हिस्सों में ग्रहण के साथ ही सूर्य अस्त हो जाएगा। यूरोप, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अफ्रीका के कुछ देशों उत्तरी हिन्द महासागर, पश्चिमी एशिया आदि में अधिक समय तक रहेगा।

गोविंददेवजी मंदिर में खुलेंगे पट, होगा संकीर्तन
इस बार टूटेगी परंपरा
ग्रहण के समय होगा सूर्य अस्त
ग्रहण काल में नहीं सजेगी ग्वाल झांकी, संध्या और शयन झांकी के समय में भी बदलाव जयपुर में शाम 4.32 बजे दिखेगा सूर्यग्रहण, शाम 5.50 बजे होगा सूर्यास्त

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