21 जून को खंडग्रास यानी आंशिक सूर्य ग्रहण रहेगा। ये ग्रहण भारत के अलावा एशिया, अफ्रिका और यूरोप कुछ क्षेत्रों में भी दिखेगा। ग्रहण का स्पर्श सुबह 10.14 मिनट पर, ग्रहण का मध्य 11.56 मिनट पर और ग्रहण का मोक्ष 1.38 मिनट पर होगा। ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात 10.14 मिनट से आरंभ हो जाएगा। सूतक जो 21 जून की दोपहर 1.38 तक रहेगा। इस वर्ष का यह एक मात्र ग्रहण होगा जो भारत में दिखेगा और इसका धार्मिक असर भी मान्य होगा। ये ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में और मिथुन राशि में लगेगा। इस संबंध में बृहतसंहिता राहुचाराध्याय में लिखा है कि-
मिथुने प्रवरागंना नृपा नृपमात्रा बलिन: कलाविद:।
यमुनातटजा: सबाह्लिका मत्स्या: सुह्यजनै: समन्वित:।।
मृगशिरा नक्षत्र के स्वामी मंगल है। मकर राशि में स्थित वक्री शनि की पूर्ण तृतीय दृष्टि, मीन राशि में स्थित मंगल पर पड़ रही है, मंगल की सूर्य पर दृष्टि और शनि-गुरु की युति है। ग्रहों की ये स्थिति बड़े भूकंप का कारण बन सकती है। इसके साथ ही अन्य प्राकृतिक आपदा आने के भी योग बन सकते हैं।
मेष, सिंह, कन्या, कुंभ राशि के लिए सूर्य ग्रहण शुभ फल देने की स्थिति में रहेगा। इन लोगों को भाग्य का साथ मिल सकता है। वृष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि के लोगों को सतर्क रहकर काम करना होगा। इन लोगों के लिए बाधाएं बढ़ सकती हैं।