scriptआखिर खुश हो गए देशी-विदेशी मेहमान | After all happy | Patrika News
जयपुर

आखिर खुश हो गए देशी-विदेशी मेहमान

घना में रौनक, दुनियाभर से आए 100 प्रजातियों के 5 हजार पक्षी
 

जयपुरSep 03, 2018 / 08:30 pm

Devendra Singh

birds

आखिर खुश हो गए देशी-विदेशी मेहमान

जयपुर. केवला देव राष्ट्रीय उद्यान इस बार हजारों किलोमीटर उड़ान भरकर आए देशी-विदेशी मेहमानों को निराश नहीं लौटने देगा। इस बार अच्छी बारिश होने पर पानी की अच्छी आवक मिली ये सौगात इनके लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं। जबकि पिछले साल इसके अभाव में ये वापस लौट गए थे। ऐसा कई बार हो चुका। इन दिनों यहां पक्षियों में खुशी का माहौल है। कोई पानी में तैरते तो कोई चोंच में पानी दिखता है। इन दिनों यहां जुलाई-अगस्त में दुनियाभर से आए 100 से अधिक प्रजातियों के लगभग ५ हजार पक्षी प्रजनन कर रहे है। घोंसला बनाकर रह रहे कई पक्षियों ने अंडे दे दिए तो कुछेक कतार में है। अंडे से निकाला बच्चा जैसे ही तीन महीने का होगा, ये उसे लेकर स्वदेश लौट जायेंगे। वन विभाग के मुताबिक पिछले साल पानी की आपूर्ति पूरी नहीं होने पर पक्षी अंडा देकर ही लौट गए थे। इसको लेकर इस बार भी माथे पर भी चिंता की लकीरे नजर आ रहीं थीं, लेकिन बारिश और पानी की आवक से चिंता खुशी में बदल गई।
जरूरत के हिसाब से इंतजाम
पक्षियों की जरूरत को देखते हुए पानी केे अलग-अलग इंतजाम किए हुए है। कहीं छोटे तो कहीं बड़े तालाब बनाए हुए है। इनमें प्रजनन के दौरान पानी के साथ खाने के लिए कीट, कीड़े, मछलियां आदि मिल जाती है। मछलियों का भी प्रजनन समय होता हैं ऐसे में उनकी भी कमी नहीं होती हैं।

ये कर रहे हैं प्रजनन

पेंट स्टॉर्क, ओपन बिल स्टॉर्क, ब्लैक हेड इब्स, स्पूनबिल, इंडियन शेग, लिटिल कॉर्मोरेंट, ग्रे हेरॉन, इरेट, सांप पक्षी, इंटरमीडिएट इरेट, सरस के्र न, बैंगनी हेरॉन, सफेद बगुला आदि कई १०० से अधिक प्रजातियों के पक्षी इन दिनों पार्क में प्रजनन कर रहे है।
फैक्ट फाइल
29 किलोमीटर में फैला अभयारण

345 प्रजातियां यहां आती है

1971 में इसे संरक्षित पक्षी अभयारण घोषित किया गया।

1985 में इसे यूनेस्को की विश्व विरासत घोषित किया गया।
सैलानियों, पक्षीप्रेमियां का उमड़ता हुजूम।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो