छात्रावासों में कई छात्र-छात्राएं अवैध रूप से रह रहे हैं। इनमें ऐसे विद्यार्थी शामिल हैं, जिनका कोर्स और छात्रावास में रहने की अवधि पूरी हो चुकी है, लेकिन फिर भी वे गेस्ट या विद्यार्थी बनकर रह रहे हैं। विवि प्रशासन का कहना है कि कई विद्यार्थियों ने पीएचडी और एमफिल के लिए आयोजित होने वाली एमपैट परीक्षा के लिए छूट ली हुई थी। अब चूंकि एडमिशन हो चुके हैं, तो इनमें से कई विद्यार्थी ऐसे हैं, जिनका चयन नहीं हुआ है। ऐसे विद्यार्थियों को अब विवि प्रशासन की ओर से निकाला जाएगा।
आवेदनों की स्क्रीनिंग की जाएगी इन हॉस्टल्स में जून व जनवरी में एडमिशन होते हैं। जनवरी एडमिशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जल्द ही पीएचडी और एमपैट छात्र-छात्राओं के लिए हॉस्टल की लिस्ट निकाली जाएगी। महिला छात्रावास की बात करें तो यहां इस बार एडमिशन के लिए पौने दो सौ आवेदन आए हैं।
चीफ वार्डन डॉ.मधु जैन का कहना है कि कई छात्राओं ने एमपैट परीक्षा पास कर ली है। इन्होंने नए सिरे से दूसरे छात्रावासों के लिए आवेदन भी किया है। 40-45 छात्राओं में से लगभग पचास प्रतिशत ऐसी हैं, जिनका अब एडमिशन नहीं है। नए एडमिशन के लिए छात्राओं के लिए पर्याप्त कमरे उपलब्ध हो सकें, इसके लिए आवेदनों की स्क्रीनिंग की जाएगी। फिर चार-पांच दिन में एडमिशन लिस्ट निकाली जाएगी। अवैध रूप से रह रहीं छात्राओं को बाहर किया जाएगा।
वहीं बॉयज हॉस्टल के चीफ वार्डन एम.एल.शर्मा का कहना है कि पीएचडी, एमफिल एडमिशन के लिए सी.वी. रमन हॉस्टल में 100 और डीबीएन में 90 आवेदन आए हैं, लेकिन 35-40 सीटें ही उपलब्ध हैं। हालांकि जिन छात्रों का कोर्स पूरा हो चुका है, उन्हें ही जाने के लिए कह रखा है।
ये है इनका कहना अवैध रूप से रह रहे छात्र-छात्राओं के लिए निकालने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। पहले भी कई छात्र-छात्राओं को बाहर किया गया था। – प्रो.आर.के.कोठारी, कुलपति, राजस्थान विश्वविद्यालय