बता दें कि फिल्म पद्मावती पर पड़ोसी राज्य में बैन लगने से अब प्रदेश की सरकार की मुश्किलें पहले और ज्यादा बढ़ सकती है। क्योंकि अब तक प्रदेश की सीएम ने जहां फिल्म के आपत्तिजनक दृश्यों पर रोक लगाने की बात कही थी, तो वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने राजपूत समाज की भावनाओं को देखते हुए इस प्रतिबंध का ऐलान कर दिया। इससे पहले राजस्थान में राजपूत समाज ने फिल्म पर बैन लगाने की मांग की थी। तो वहीं शिवराज सरकार द्वारा फिल्म पर बैन लगने के बाद राजस्थान के मेवाड़ से सबंध रखने वाली महारानी पद्मिनी पर बनी विवादित फिल्म को लेकर प्रदेश में विरोध और अधिक तेज हो सकता है।
बता दें कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश तीनों ही राज्यों में वर्तमान में भाजपा की सरकार है, और जहां मध्यप्रदेश में फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, तो वहीं फिल्म के सवाल पर यूपी की योगी सरकार ने भी कई सवाल खड़े कर चुके हैं। ऐसे में अब राजस्थान की जनता की नजर राज्य सरकार पर रहेगी कि आखिर फिल्म पद्मावती को लेकर उनका उचित फैसला क्या होगा। फिल्म पर बैन लगाने के बाद शिवराज सरकार ने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम लोग बचपन से पद्मावती के बारे में पढ़ते आ रहे हैं। भारतीय में नारी हमेशा से ही पूज्यनीय रही है। रानी पद्मावती भारतीय नारी का प्रतिबिंब थी। जबकि उनके इस फैसले के बाद करणी सेना ने उनका आभार व्यक्त किया है।
इधर राजस्थान में फिल्म के खिलाफ आए दिन हो रहे विरोध प्रदर्शन में लोगों का जबदस्त आक्रोश दिख रहा है, तो वहीं आमलोगों के साथ राजघरानों के परिवार से संबंध रखने वाले भी इस फिल्म का खुलकर विरोध करते नजर आ रहे हैं। जबकि राजपूत समाज की भावनाओं को आहात करने और फिल्म पद्मावती में रानी पद्ममिनी और इतिहास के साथ छेड़छाड़ के आरोप के बाद करणी सेना इस फिल्म को प्रदेश में बैन करने की मांग राज्य सरकार से कर रही है। यहां तक की घरों में घूंघट की आड़ में रहने वाली राजपूत समाज की क्षत्राणियां आए दिन विरोध करते हुए सड़कों पर नजर आ रही है।
गौरतलब है कि गुजरात में चुनाव मौसम जारी है, तो वहीं इसके बाद अगले साल राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी सरकार कोई नुकसान नहीं उठाना चाहती है, ऐसे में अब प्रदेश सरकार फिल्म पर बैन को लेकर राज्य के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया की अध्यक्षता में पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों की अहम बैठक हुई। तो वहीं बैठक में सिनेमा एक्ट के तहत फिल्म के प्रदर्शन पर राजस्थान पर रोक लगाने के प्रावधानों पर चर्चा की गई। तो वहीं लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों की राय है कि फिल्म पर बैन लगया जाए।