आखिरकार दस दिन बाद स्मृति वन में सुबह पकड़ में आया पैंथर
अब कल से आमजन के लिए फिर से खुल सकेगा कुलिश स्मृति वन
जयपुर
झालाना जंगल से आबादी क्षेत्र में आई मादा पैंथर पूजा आखिरकार पकड़ में आ ही गई। आखिर दस दिन बाद यह पैंथर वन विभाग के लगाए गए पिंजरे में आई। बकरे का शिकार करने के लालच में आज सुबह स्मृति वन में रखे वन विभाग के पिंजरे में यह पैंथर कैद हुआ। जिसके बाद वन विभाग और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि वन विभाग को लगातार पैंथर के मूवमेंट स्मृति वन में होने की सूचना मिल रही थी और विभाग की ओर से लगाए गए ट्रेप कैमरे में यह तीन बार कैद भी हो गया था। लेकिन विभाग के कर्मचारियों को यह पता नहीं लग पा रहा था कि पैंथर स्मृति वन में कहां छूपा है। क्योकि पैंथर की लोकेशन विभाग के अधिकारियों को नहीं मिल पा रही थी और ना ही पगमार्ग मिले थे। जिसके बाद लगातार विभाग ने पैंथर के लिए पिंजरा लगा रखा था। इस बार विभाग की टीम ने पिंजरे में जीवित बकरे को बांध कर पैंथर को लालच दिया जिसका शिकार करने के चक्कर में यह आ फंसी। इससे पहले पिंजरे में इसका शिकार किया हुआ मरा हुआ श्वान ही रखा हुआ था लेकिन इसके लालच में पैंथर नहीं आया था। हालांकि पिंजरे में रखे बकरे को पैंथर नहीं खा पाया क्योकि जो बकरा पिंजरे में था उसके और पैंथर के बीच में एक ओर जाली विभाग के अधिकारियों ने लगा रखी थी जिससे की यह बकरे को नुकसान नहीं पहुंचा पाए। गौरतलब है कि झालाना वन क्षेत्र से एक बार फिर पैंथर शिकार की तलाश में घनी आबादी क्षेत्र में चला आया। इस बार यह पैंथर लगातार दो दिन से झालाना संस्थानिक क्षेत्र में स्थित ललित कला अकादमी परिसर में घुस रहा है। जहां उसने एक कुत्ते का शिकार किया। इसके चलते क्षेत्र में दहशत का माहौल हो गया है। यह 14 सितम्बर को आखिरी बार वन विभाग की टीम को प्रत्यक्ष रूप से ललित कला अकादमी में दिखाई दिया था। जिसके बाद इसके स्मृति वन में चले जाने की सूचना थी। जहां यह ट्रेप कैमरे में तो तीन बार कैद हुआ लेकिन पकड़ में आखिरकार आज आया।
पिंजरे में गुर्राता रहा पैंथर
पिंजरे में पकड़ में आने के बाद बाहर निकलने के लिए पैंथर गुर्राता रहा। वहीं इस दौरान वह बेहद गुस्से में नजर आया। वन विभाग के अधिकारी डीएफओ सुदर्शन शर्मा और उपवन संरक्षक नरेश शर्मा मौके पर पहुंचे और पैंथर को टीम के साथ जयपुर के चिड़ियाघर पहुंचाया जहां पर इसका मेडिकल चैकअप कर फिर से इसे झालाना के जंगल में छोड़ा जाएगा।
स्थानीय लोग बोले हमारा जीवन है स्मृति वन
कुलिश स्मृति वन में आने वाले स्थानीय लोगों ने पैंथर के पकड़ने के बाद राहत की सांस ली। वहीं वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि करीब एक सप्ताह से बंद स्मृति वन को फिर से खोला जाएगा। 15 साल से स्मृति वन में घूमने आ रहे छुटटन अग्रवाल ने कहा कि स्मृति वन हमारा जीवन है हम इसके बिना नहीं रह सकते। वहीं वन में आने वाले लोगों ने प्रसाद बांट कर खुशी जताई और कहा कि स्मृति वन में आवाजाही फिर से शुरू होने से बेहद खुशी होगी।