जयपुर से केरल मदद के लिए गए केरला समाज के अध्यक्ष केएन राजू के अनुसार केरल में पिछले दिनों बाढ़ प्रभावित 86 लोगों में लेप्टोस्पायरोसिस नामक रोग के लक्षण पाए गए। इनका विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। वहीं जलभराव वाले इलाकों में काम कर रहे लोगों को भी रोग के प्रति सतर्क कर दिया गया है।
पांच जिलों में अलर्ट
समाज के उपाध्यक्ष सजी नायर के अनुसार रोग को लेकर पूरे केरल में खौफ बढ़ रहा है। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने भी रैट फीवर नाम से पुकारे जाने वाले इस रोग को लेकर त्रिशूर, पलाक्कड़, कोइजिकोड़ी, मल्लापुराम, कुन्नूर जिलों में अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक मांसपेशियों में दर्द के साथ बुखार लेप्टोस्पायरोसिस के प्रारंभिक लक्षण हैं। इन्हें गंभीरता से लिया जाए।
समाज के उपाध्यक्ष सजी नायर के अनुसार रोग को लेकर पूरे केरल में खौफ बढ़ रहा है। केरल के स्वास्थ्य विभाग ने भी रैट फीवर नाम से पुकारे जाने वाले इस रोग को लेकर त्रिशूर, पलाक्कड़, कोइजिकोड़ी, मल्लापुराम, कुन्नूर जिलों में अलर्ट जारी किया है। विभाग के मुताबिक मांसपेशियों में दर्द के साथ बुखार लेप्टोस्पायरोसिस के प्रारंभिक लक्षण हैं। इन्हें गंभीरता से लिया जाए।
पहले भी हो चुकी मौतें
जयपुर से गए समाज के संयुक्त सचिव वीजू नायर के अनुसार केरल में पिछले साल लेप्टोस्पायरोसिस के 1400 से ज्यादा मामले सामने आए थे जिनमें से 80 लोगों की मौत हो गई थी।
जयपुर से गए समाज के संयुक्त सचिव वीजू नायर के अनुसार केरल में पिछले साल लेप्टोस्पायरोसिस के 1400 से ज्यादा मामले सामने आए थे जिनमें से 80 लोगों की मौत हो गई थी।
क्या है लेप्टोस्पायरोसिस
यह एक संक्रामक रोग है जो जीवाणु लेप्टोस्पायरा से फैलता है। पालतू पशुओं से यह रोग लोगों में फैलता है। इस रोग कारण पीलिया व बुखार तक हो जाते हैं। – बुखार, तेज बदन दर्द, सिर दर्द, उबकाई, थकावट, मांसपेशियों-जोड़ो में दर्द रोग के शुरुआती लक्षण है। हालत बिगडऩे पर लिवर, किडनी तक में असर हो सकता है। लापरवाही बरतने पर मौत तक हो सकती है।
डॉ. एसके जोशी
यह एक संक्रामक रोग है जो जीवाणु लेप्टोस्पायरा से फैलता है। पालतू पशुओं से यह रोग लोगों में फैलता है। इस रोग कारण पीलिया व बुखार तक हो जाते हैं। – बुखार, तेज बदन दर्द, सिर दर्द, उबकाई, थकावट, मांसपेशियों-जोड़ो में दर्द रोग के शुरुआती लक्षण है। हालत बिगडऩे पर लिवर, किडनी तक में असर हो सकता है। लापरवाही बरतने पर मौत तक हो सकती है।
डॉ. एसके जोशी