-मनोचिकित्सा केंद्र के अधीक्षक डॉ. आलोक त्यागी ने बताया कि नींद की कुछ दवाओं का दुरुपयोग (Side effects of pills) मिल रहा है। आए दिन ऐसे केस आ रहे हैं। जिसमें युवा इस तरह की दवाओं का दुष्प्रभाव झेल रहे हैं। हिस्ट्री खंगाने पर उनमें बिना डॉक्टरी सलाह के दवा लेने की पुष्टि हो रही है। कई युवा पूछने आते है, काउंसलिंग कर उन्हें भेज देते हैं।
इनके लिए जरूरी है यह दवा
-चिकित्सकों ने बताया कि कई बार किसी मरीज को दवा के साइड इफेक्ट के कारण नींद ज्यादा आने लगती है। ऐसे लोगों को अलर्ट रखने के लिए ऐसी दवा दी जाती है। इसके अलवा डे टाइम एंटी डिप्रेशन प्रभाव को बढ़ाने व स्लीप पैरालिसिस के मरीजों को अलर्ट रखने के लिए भी इनका उपयोग होता है।
केस एक
वैशालीनगर निधि (परिवर्तित नाम) को कुछ दिन से हांथ कांपने की शिकायत थी। उसे चिकित्सक के पास लेकर गए तब उसने बताया कि वह कुछ महीने से देर तक जागने के लिए दवा ले रही था।
केस दो
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे महेश नगर निवासी राहुल (परिवर्तित नाम) को कई दिन से अनिद्रा व चिड़चिड़ापन हो रहा था। पढ़ाई में भी मन नहीं लग रहा था। मनोरोग विशेषज्ञ ने बताया कि जागने की दवा ज्यादा लेने के कारण उसे यह परेशानी हुई है।
इंटरनेट की ले रहे मदद
-मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. संजय जैन ने बताया कि एकाग्रता बढ़ाने की कोई भी दवा नहीं है। अमूमन चिकित्सक बेवजह ऐसी दवा नहीं लिखते हैं। इनके लंबे समय तक इस्तेमाल मानसिक सेहत बिगाड़ सकती है।
यों बरते सावधानी
– परिजन बच्चों पर नजर बनाए रखे।
-सोने उठने का समय तय हों। देररात तक नहीं जगे।
-नियमित व्यायाम करे।
– हेल्दी खानपान ले।
-बिना डॉक्टरी सलाह कोई भी दवा न लें।