ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई के अनुसार सूर्यदेव की उपासना पौष माह में विशेष रूप से की जाती है। पौष अमावस्या का दिन सिद्धिदायक माना गया है। धर्म ग्रन्थों में इसे बहुत ही पुण्य फलदायी बताया गया है। मान्यता है कि इस अमावस्या पर किए गए व्रत और दान के प्रभाव से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। पौष अमावस्या के दिन उगते हुए सूरज को जल चढ़ाने से हर तरह की समस्याएं समाप्त होती हैं।
पौष अमावस्या पर किसी पावन नदी या तालाब में स्नान करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य नरेंद्र नागर के मुताबिक यदि ऐसा संभव न हो तो घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर नहाना चाहिए। इसके बाद तांबे के पात्र में शुद्ध जल में लाल पुष्प, चंदन डालकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद पितरों को तर्पण देना चाहिए। पितृ दोष से पीड़ितों को पितरों के निमित्त व्रत रखकर पूजा करना चाहिए।
पौष अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को भोजन जरूर कराएं। मान्यता है कि इससे से भाग्य खुलता है। इस दिन पितृ दोष की शांति कराना त्वरित फलदायी होता है। इससे जीवन में आनेवाली सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। संतान सुख मिलता है और बिजनेस या नौकरी में तरक्की होती है। पौष अमावस्या पर पीपल के पेड़ और तुलसी के पौधे की परिक्रमा करना चाहिए। अमावस्या पर लक्ष्मीनारायण व शिव पूजन जरूर करना चाहिए।
पौष अमावस्या शुभ मुहूर्त-
अमावस्या तिथि की शुरुआत- 12 जनवरी 2021 दिन मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से।
अमावस्या तिथि समाप्त- 13 जनवरी, 2021, दिन बुधवार को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर।
अमावस्या तिथि की शुरुआत- 12 जनवरी 2021 दिन मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से।
अमावस्या तिथि समाप्त- 13 जनवरी, 2021, दिन बुधवार को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर।