राजस्थन एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि एंबुलेंस कर्मचारी अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर गत वर्ष 2019 में 31 अक्टूबर को हड़ताल की थी। एम्बुलेंस सेवा दो दिन बंद रखने के बाद कर्मचारियों की मांगों का मामला राजस्थान उच्च न्यायालय में विचाराधीन हो गया था, जिसमें एम्बुलेंस कर्मचारियों की वेतन वृद्धि, कार्य समय 8 घंटे करना, एम्बुलेंस कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित रहना, संविदाकर्मी कमेटी में एम्बुलेंस कर्मचारियों को शामिल करना, एम्बुलेंस वाहन रहने के स्थान पर एम्बुलेंस कर्मियों के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाना आदि मांगों का समाधान किया जाना शामिल था।
इन मांगों में से 5 मांगे अतिरिक्त् मुख्य सचिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से मानी गई थी, लेकिन आज तक किसी भी मांग को लागु नहीं किया गया।
उन्होंने बताया कि राजस्थान में 108, 104 व बेस एम्बुलेंस सेवा का संचालन जीवीके ईएमआरआई कंपनी की ओर से वर्ष 2013 से किया जा रहा है और इस कंपनी का एंबुलेंस संचालन का टेंडर 22 जून 2019 को समाप्त हो गया था, लेकिन सरकार की ओर से पहले 6 माह का उसके बाद 3 माह का एंबुलेंस सेवा का करार बढाया गया। अब फिर 21 मार्च को इस जीवीके ईएमआरआई कंपनी का करार समाप्त हो रहा है।