समिति की ओर से रविवार दोपहर 12 बजे राजपूत सभा भवन में एक बैठक बुलाई गई। बैठक में राजपूत सभा अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने चार्जशीट पर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि जिन्होंने उपद्रव किया उनका नाम एफआईआर में नहीं है। वहीं समाज सेवा कर रहे लोगों की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस अधिकारी सच्चाई के साथ काम करें। किसी के दबाव में आकर पुलिस कार्य कर रही है।
उन्होंने प्रकरण की छह माह बाद सीबीआइ को जांच सौंपे जाने पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार से पुनः जांच करवाने की मांग की। लोटवाड़ा ने कहा कि एनकाउंटर को सही तरीके से जस्टिफाई नहीं किया गया है। 12 जुलाई तक सरकार से सकारात्मक जवाब की उम्मीद है, नहीं तो आंदोलन किया जाएगा।
माना जा रहा हैं कि समाज की ओर से इस मसले पर नई दिल्ली जाकर भाजपा के राजपूत नेताओं से मुलाकात की जा सकती है। समाज के नेता इस बात से नाराज हैं कि संघर्ष समिति से जो समझौंता हुआ था उसकी पालना भी नहीं की जा रही है।
इससे पहले प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी कहा था कि सीबीआई ने तो न्याय मांगने वालों को ही अपनी चार्जशीट में आरोपी बना डाला और ऐसा तो पहली बार देखने में आया है। खाचरियावास ने कहा कि आनंदपाल मामले की मुठभेड़ की सीबीआई जांच अब सवालों के घेरे में दिख रही है।