अलग-अलग आंदोलन का किया संचालन पूनम छाबड़ा और अन्ना हजारे दोनों ही अलग-अलग आंदोलनों को संचालित कर रहे है। अन्ना ने जन लोकपाल विधेयक (नागरिक लोकपाल विधेयक) के निर्माण के लिए 2011 में एक व्यापक आंदोलन किया था और तत्कालीन सरकार के दांत खट्टे कर दिए थे। इस आंदोलन में उनके साथ अरविन्द केजरीवाल, किरण बेदी , प्रशांत भूषण सरीखे लोग शामिल थे।
इस आंदोलन को लेकर अन्ना ने अनशन का सहारा लिया और उनके इस तरीके से जनता उनके साथ हो गयी और पूरे देश में जनता सडकों पर उत्तर आयी। दूसरी ओर यहां राजस्थान में पूर्ण शराबबंदी की मांग करते हुए पूर्व विधायक स्व.गुरुशरण जी छाबड़ा ने अनशन करते हुए अपने प्राण त्याग दिए थे ऐसे में उनके आंदोलन को जारी रखने के लिए उनकी बहु पूनम अंकुर छाबडा ने आंदोलन की कमान अपने हाथो में ले लीं और वह आज तक इस आंदोलन को जारी रखे हुए है।
शॉल उढाकर किया अन्ना का स्वागत पूनम ने शॉल उढाकर अन्ना का स्वागत किया और उन्हें अपने आंदोलन के बारे में बताया। अन्ना ने गुरुशरण जी छाबड़ा को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा की सरकार को उनकी शहादत का सम्मान करना चाहिए और राज्य में शराब बंदी कर देनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा सामाजिक विकास के लिए शराबबंदी अच्छा उपाय है क्योंकि अधिकतर अपराध इंसान शराब के नशे में करता है। उन्होंने पूनम अंकुर छाबड़ा को 23 मार्च को हो रहे उनके जन लोकपाल आंदोलन में भाग लेने के लिए दिल्ली आने का निमंत्रण दिया और जनसामान्य को सहयोग देने के लिए आग्रह किया।