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जयपुर

पार्किंग शुल्क में मनमानी का खेल, 12 और 24 घंटे के नाम पर वसूली

एक्सपोज : सिंधी कैंप, रेलवे स्टेशन, परकोटा, एसएमएस अस्पताल सहित कई जनता से जुड़े विभागों में मनमानी, शहर में एक पार्किंग नीति बने तो लोगों को मिले राहत

जयपुरFeb 10, 2020 / 01:35 pm

Vijay Sharma

जयपुर। राजधानी में जनता से जुड़े विभाग और सार्वनिक स्थानों पर पार्किंग शुल्क में मनमानी का खेल जोरों पर चल रहा है। पार्किंग स्थलों पर मनमर्जी से 12 और 24 घंटे की समय सीमा तय कर लोगों से जबरन वसूली की जा रही है। शहर के रेलवे स्टेशन, सिंधी कैंप, परकोटा सहित कई जगहों पर लोग पैसे देने को मजबूर हैं। हजारों लोगों की आवाजाही वाले स्थानों पर विभागों ने अपने-अपने अलग नियम बना रखे हैं। ऐसे में शहर में अलग-अलग जगह पार्किंग के अलग नियम देखे जा रहे हैं। हालांकि कुछ स्थानों पर पार्किंग शुल्क घंटों के हिसाब से निर्धारित है। ऐसे में लोग पार्किंग शुल्क के नाम पर झगड़ रहे हैं तो कई विभागों तक शिकायत कर रहे हैं। लेकिन मनमाने तरीके से वसूले जा रही शुल्क पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। राजस्थान पत्रिका ने रविवार को शहर में जनता से जुड़े कई स्थानों पर जाकर पार्किंग के हालात देखे तो स्थिति गंभीर नजर आई।
रेलवे स्टेशन : चाहे 10 मिनट रुको, पैसे 12 घंटे के लगेंगे
जयपुर जंक्शन ही पार्किंग के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। कार-बस पार्किंग में चार घंटे की अवधि में पार्किंग शुल्क लिया जा रहा तो दोपहिया वाहन की पार्किंग के लिए न्यूनतम समय सीमा ही 12 घंटे तय की गई। आमजन से 12 घंटे का ही वसूला जा रहा है। यहां लोग आधे घंटे से एक घंटे तक ही पार्किंग करते हंै। ऐसे में 12 घंटे के 12 रुपए वसूले जा रहे हैं। इधर, दुर्गापुरा, गांधीनगर रेलवे स्टेशन के बाहर भी ऐसा ही हाल है।
सिंधी कैंप : रुपए 12 घंटे के ही लगेंगे, नहीं तो भारी जुर्माना
करीब 50 हजार लोगों की रोज आवाजाही वाले केन्द्रीय बस स्टैंड पर भी पार्किंग शुल्क आमजन पर भारी पड़ रहा है। यहां पर नवनिर्मित भवन के बेसमेंट में पार्किंग शुरू की गई है। पार्किंग शुल्क के 12 और 24 घंटे तय कर रखे हैं। मनमाने तरीके से दोपहिया वाहनों के 12 रुपए तय कर रखे हैं। इतना ही नहीं, ज्यादा शुल्क होने पर लोग बाहर वाहन खड़ा कर रहे हैं तो पार्किंग ठेकेदार के कर्मचारी लोगों को जबरन जुर्माना वसूल रहे हैं। सिंधी कैंप पर कहीं भी पार्किंग के साइन बोर्ड भी नहीं है।
जयपुरिया: मरीजों से पार्किंग के नाम वूसली
जयपुरिया अस्पताल में नगर निगम की ओर से पार्किंग का ठेका दिया गया है। यहां भी मरीजों और उनसे मिलने वाले लोगों से मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं। नगर निगम ने यहां मरीजों से नि:शुल्क पार्किग शुरू कराई थी। लेकिन हैरानी की बात है कि यहां पार्किंग के नाम पर पैसे ही लिए जा रहे हैं। इसकी शिकायत कई बार निगम को पहुंच गई है। लोगों का कहना है कि निगम विकास के नाम पर लोगों से पैसे ले रहा है।
परकोटा : पुलिस के बोर्ड में पार्किंग बता वसूली
नगर निगम की ओर से परकोटा में आतिश मार्केट में पार्किंग दी हुई है। यहां पर्यटकों और शहर घूमने आने वाले लोगों से ही निर्धारित रेट से ज्यादा वसूली की जा रही है। खास बात है कि सड़क पर पुलिस के बोर्ड पर पार्किंग का साइन बोर्ड लगाया हुआ है। ऐसे में लोग पार्किंग में जाते तो हैं लेकिन ज्यादा पैसे देख ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यहां एक घंटे के ही पचास रुपए तक लिए जा रहे हैं। इतना ही पर्ची नहीं दी जा रही है। महीने के 1200 रुपए के 1500 तक लिए जा रहे हैं।
समाधान : शहर में एक पार्किंग नीति बने
शहर में कई जगहों पर पार्किंग स्थल बने हुए हैं। सभी में अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया गया है। नगर निगम की ओर से दी गई पार्किंगों में नियम वितरीत हैं। ऐसे मेंं शहर में एक पार्किंग नीति होनी चाहिए। इससे लोगों को राहत मिल सकती है। इतना ही नहीं पार्किंग स्थलों में लंबे समय के बजाय घंटों के हिसाब से शुल्य तय होना चाहिए।
मेट्रो : नजीर पेश कर रहा, घंटों के हिसाब से शुल्क
शहर में मेट्रो स्टेशनों पर हालात अलग ही नजर आए। यहां पर घंटों के हिसाब से पार्किंग शुल्क तय कर रखा है। न्यूनतम शुल्क तीन घंटे के पांच रुपए निर्धारित कर रखे हैं। सिंधी कैंप पर जहां पार्किंग शुल्क अलग है, वहीं पास ही मेट्रो स्टेशन पर शुल्क अलग है।

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