सबसे ज्यादा असर पंजाब से दिखाई दे रहा है। पंजाब में 2018 में 7079 सैनिक भर्ती हुए थे वहीं 2019 में यह संख्या 5117 तक गिर गई। 2020 में थोड़े सुधार के साथ यह संख्या 5821 पहुंची है। पंजाब में नशाखोरी के कारण बेहतर युवा न मिलना इसका बड़ा कारण माना जा रहा है।
उत्तर प्रदेश की बात करें तो यह अव्वल स्थान पर तो है लेकिन संख्या यहां भी घट गई है। उत्तर प्रदेश में 2018 में 7600 सैनिक सेना में भर्ती हुए थे तो वहीं 2019 में यह संख्या 8098 थी। फिर 2020 में यह संख्या घटकर 7162 आ गई। आंकड़ों पर नजर डाले तो यह गिरावट सभी प्रदेशों में जारी है।
हरियाणा भी राजस्थान के कदमों पर चल रहा है। 2018 में यहां के 859 युवा एयरमैन बने तो 2019 में यह संख्या दोगुनी के करीब पहुंचते हुए 1501 हो गई और 2020 में तो यह संख्या 1719 तक पहुंच गई। यूपी कुल संख्या में नंबर वन तो है लेकिन संख्या घट गई है। उत्तर प्रदेश से 2018 में 2635 एयरमैन, 2019 में 2188 एयरमैन और 2020 में 2345 युवा एयरमैन बने।
सबसे बेहतरीन कहानी बिहार की दिखाई देती है। 2018 में इस राज्य से 150 एयरमैन भर्ती हुए थे तो 2019 में यह संख्या साढ़े तीन गुणा बढ़ गई और 530 युवा एयरमैन बने। 2020 में यह संख्या बढ़कर 670 हो गई है। ऐसे में देखें तो बिहार
युवाओं की सबसे ज्यादा कमी भारतीय वायुसेना में दिखाई दे रही है। राजस्थान के युवा यहां तेजी से घटे हैं। भारतीय नौ सेना में 2018 में 974 युवा सेलर बने थे, 2019 में यह संख्या 955 और 2020 में यह संख्या घटकर 248 रह गई है। उत्तर प्रदेश भले ही यहां पहले नंबर पर है लेकिन यहां भी दिलचस्पी घटी है। 2018 में 1284 युवा सेलर बने थे, 2019 में 1140 और 2020 में यह घटकर 449 रह गए।
शीर्ष तीन में शामिल हरियाणा में अभी भी क्रेज बरकरार है। 2018 में यहां के 637, 2019 में 659 तो 2020 में 404 युवा सेलर बने। मध्यप्रदेश भारतीय नौसना में ही शीर्ष पांच में शामिल है। 2018 में यहां से 423 युवा सेलर बने, 2019 में 329 और 2020 में यह घटकर 92 रह गया।