युवा बिना सोचे ‘मोदी-मोदी’ करेंगे तो देश कहां जाएगा गहलोत ने कहा कि देश का शासन सिर्फ मोदी और अमित शाह चला रहे हैं। सभी को पीएमओ से गाइडलाइन पहुंच रही है। चुनाव जीतने के लिए साम, दाम, दण्ड, भेद सब अपना रहे हैं। दूरदर्शन, आकाशवाणी सहित पूरा सरकारी मीडिया एकतरफा प्रचार कर रहा है। रोक के बावजूद नमो टीवी चल रहा है लेकिन चुनाव आयोग चुप है। चुनाव आयोग ही निष्पक्ष नहीं रहेगा तो देश का क्या होगा? अन्य मीडिया में भी मोदी छाए हुए हैं। लोकतन्त्र और लोकतान्त्रिक संस्थाएं खतरे में हैं। मोदी खतरनाक खेल खेल रहे हैं। सोशल मीडिया देश के लोकतन्त्र को खत्म करने का षड्यन्त्र है। आज देश का युवा मोदी-मोदी ज्यादा कर रहा है। देश का भविष्य उनके हाथों में है, बिना सोचे समझे मोदी-मोदी करेंगे, तो देश कहां जाएगा? ऐसा न हो कि आने वाले समय में हमें पश्चाताप करना पड़े।
आड़े कोई भी आए, मोदी को हटाना जरूरी
गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र और संस्थाओं को बचाने के लिए देश की सत्ता से प्रधानमंत्री मोदी को हटाना जरूरी है। फिर भीम आर्मी, किरोड़ी आर्मी और चाहे हनुमान आर्मी आए, उससे कोई परेशानी नहीं।
विचारधारा कोई भी हो, काम ईमानदारी से हो सरकारी संस्थानों में आरएसएस के लोगों को लगाने की बात आप बार-बार कहते हैं, क्या अब कांग्रेस सरकार ऐसे लोगों को हटाएगी? इस सवाल पर गहलोत ने कहा, जो लोग मेरिट पर लगे हैं, उन्हें कोई परेशानी नहीं है। बात यह है कि आरएसएस हो या भाजपा या कांग्रेस, दलों से जुड़ाव भुलाकर ईमानदारी से न्याय करने की मंशा होनी चाहिए। जैसे, हाईकोर्ट में जो जज बनते हैं, वे भी राजनीतिक पार्टियों से जुड़े होते हैं। जज बनने के बाद दलों से जुड़ाव भुलाकर ईमानदारी से न्याय करते हैं। शिकायत वहां आती है, जब समान रूप से न्याय नहीं होता। आरएसएस के लोग ऐसे ही समानता के साथ काम करें।