जयपुर

एक्सक्लूसिव: हर विधायक की झोली में राज्यमंत्री पद, विपक्ष को जबाव देने की तैयारी

राज्य की कांग्रेस सरकार छह माह में गिरने को लेकर आए दिन भाजपा नेता बयान दे रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों को नाराज होने का कोई मौका नहीं देना चाहते।

जयपुरDec 02, 2020 / 02:41 pm

Kamlesh Sharma

राज्य की कांग्रेस सरकार छह माह में गिरने को लेकर आए दिन भाजपा नेता बयान दे रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों को नाराज होने का कोई मौका नहीं देना चाहते।

सुनील सिंह सिसोदिया/जयपुर। राज्य की कांग्रेस सरकार छह माह में गिरने को लेकर आए दिन भाजपा नेता बयान दे रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने विधायकों को नाराज होने का कोई मौका नहीं देना चाहते। सरकार के 17 दिसंबर को पूरे हो रहे दो साल के साथ ही वे अपनों को पदों का तोहफा बांटने की तैयारी में जुट गए हैं। कांग्रेस के ही नहीं, समर्थक दल व निर्दलीयों को भी पद मिलेंगे।
हालांकि ये अभी कोई स्पष्ट नहीं कर रहा कि पदों के तोहफे 17 दिसंबर से पहले या फिर बाद में मिलेंगे, लेकिन सरकार स्तर पर अपनों को मंत्री और संसदीय सचिवों के साथ ही यूआईटी अध्यक्ष और विधानसभा की कमेटियों को राज्यमंत्री का दर्जा देने को लेकर मंथन तेजी से चल रहा है। सरकार के पास अभी 121 विधायकों का समर्थन है। 21 पदों पर काबिज हैं और शेष 100 के लिए पदों की व्यवस्था कर ली गई है।
सूत्रों की मानें तो पिछले दिनों राज्य के दौरे पर आए प्रदेश प्रभारी अजय माकन की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी से हुई लंबी वार्ता में सभी मुद्दों पर चर्चा होना बताया जा रहा है। पांच माह पहले राज्य की गहलोत सरकार पर आए संकट के समय मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों का परिवार के मुखिया के रूप में ध्यान रखने की बात कही थी। चूंकि सरकार को दो साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है।
ऐसे में अब विधायकों का धैर्य भी जवाब देने लगा है। इसीलिए सरकार ने सभी 121 में से शेष रहे 100 विधायकों को जिम्मेदारी सौंपने के लिए खाका तैयार कर लिया है। इसके लिए फिलहाल कुछ कानूनी अड़चनों को दूर करने को लेकर तैयारी चल रही है।
दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस इस माह संगठन की मजबूती के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी और जिला कांग्रेस कमेटी के गठन को पूरा करेगी। इसके बाद राजनीतिक नियुक्ति और मंत्रिमण्डल विस्तार का काम पूरा होगा।
कांग्रेस का प्लान-121
30 मुख्यमंत्री सहित मंत्री
10 ससंदीय सचिव
02 विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष,
02 मुख्य सचेतक-सचेतक
02 जेडीए, एडीए चेयरमैन
14 यूआईटी चेयरमैन
21 विधानसभा कमेटी चेयरमैन
40 आयोग, बोर्ड, मण्डल, अकादमी चेयरमैन

(राज्य में आयोग, बोर्ड, मण्डल और अकादमी अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के करीब 60 पद हैं। इनमें से दस-पन्द्रह पदों पर नियुक्ति दी जा चुकी है। कुछ पर अन्य लोग को मौका मिल सकता है।)
मंत्री की दौड़ में शामिल
विश्वेन्द्र सिंह, रमेश मीणा, बृजेन्द्र सिंह ओला, हेमाराम चौधरी, दीपेन्द्र सिंह शेखावत, परसराम मोरदिया, महेश जोशी, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के मुख्य रूप से नाम चर्चा में हैं।

लोकसभा-विधानसभा चुनाव हारने वालों को संगठन में मौका
राज्य में लोकसभा-विधानसभा चुनाव हार चुके कांग्रेस नेताओं को फिलहाल राजनीकि नियुक्तियों में मौका नहीं दिया जाएगा। इन नेताओं को संगठन में मौका दिया जा सकता है। हारने वाले नेताओं में से विशेष परिस्थितियों में ही पार्टी राजनीतिक नियुक्ति दे सकती है। लेकिन पहले सभी विधायकों को पद
दिए जाएंगे।
राज्य मंत्री से केबिनेट मंत्री
गोविन्द सिंह डोटासरा, अशोक चांदना
121 (कांग्रेस, समर्थक दल व निर्दलीय विधायक)
कांग्रेस : 105, निर्दलीय : 13, बीटीपी : 2, आरएलडी : 1
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