राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा हाल ही में कृषि उपज मण्डी अधिनियम में किये गये दोनों संशोधन केन्द्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश की मूल भावना के विपरीत हैं। आज राजस्थान देश में सर्वाधिक 2.6 प्रतिशत मण्डी टैक्स राज्य के किसानों से वसूल रहा है। वहीं हमारे पड़ोसी राज्यों में हरियाणा में 1% , गुजरात में .5%, मध्यप्रदेश में 1%, महाराष्ट्र में .80% व कर्नाटक में .35% मण्डी टेक्स की दरें है। सरकार की ओर से किया गया संशोधन संघवाद की अवधारणा पर सीधी चोट है।
सरकार कम करे टैक्स राठौड़ ने गहलोत से मांग की है कि राज्य सरकार कृषि उपज पर सभी करों, फीस व सेस को तुरंत प्रभाव से वापस ले ताकि राज्य का व्यापारी उन्मुक्त हो और किसानों की फसल का क्रय—विक्रय कर सके। उन्होंने सुझाव दिया है कि अगर सरकार उचित समझे तो एपीएमसी यार्ड को व्यवस्थित करने के लिए मेन्टीनेंस चार्ज के रूप में मात्र 0.50 (50 पैसा प्रति सैंकड़ा) की राशि मात्र वसूल करने का प्रावधान कर सकती है।