यह है मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि परिवादी राजेश कुमार मीणा के खिलाफ जवाहर सर्किल थाने में जमीनी विवाद को लेकर एक मुकदमा दर्ज था। इसको रफा-दफा करने और शिकायतकर्ता से सैटलमेंट करवाने की एवज में जांच अधिकारी सहायक पुलिस उपनिरीक्षक लक्ष्मण राम ने परिवादी राजेश कुमार से 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी।
15 हजार पहले ही ले चुका 50 हजार की डील के तहत 15 हजार रुपए आरोपी पहले तीन अलग-अलग किस्तों में भी ले चुका था। इसके बाद परिवादी ने उसके खिलाफ एसीबी में शिकायत दर्ज करवाई और जिसका सत्यापन करवाने के बाद ट्रैप का आयोजन कर किया गया।
थाने पर बुलाकर ली रिश्वत बताया जा रहा है कि रिश्वत की राशि के लिए सहायक पुलिस उपनिरीक्षक ने परिवादी को थाने ही बुला लिया था, लेकिन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम वहां पहले से ही तैनात थी। जैसे ही परिवादी ने रिश्वत दी तो टीम ने आरोपी एएसआई लक्ष्मण राम निवासी मारूति नगर, सांगानेर को 24 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
फाइलों में मिले 24 हजार रुपए थाने में रखी एएसआई की अलमारी की तलाशी लिए जाने पर चार फाइलों में एक फाइल में 10 हजार रुपए एवं दूसरी व तीसरी में 5 हजार रुपए चौथी फाइल में 4 हजार रुपए समेत कुल 24 हजार रुपए और मिले हैं।
घर व अन्य स्थानों पर भी तलाशी एसीबी के अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन (Dinesh M.N.) के निर्देशन में एसीबी टीमें आरोपी मारुति नगर सांगानेर निवासी लक्ष्मण राम बैरवा से पूछताछ करते हुए उसके आवास एवं अन्य ठिकानों की तलाशी ले रही हैं।