साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि जैसे ही यूज़र उस लिंक पर क्लिक करेगा, उसे एक एप्लीकेशन डाउनलोड करने के लिए कहा जाएगा। यह एप्पलीकेशन ओर कोई नहीं बल्कि मैलवेयर है। इसके फ़ोन में आते ही फ़ोन का पूरा एक्सेस साइबर अपराधियों तक चला जायेगा और अपराधी बड़ी आसानी से यूज़र के डाटा हेक कर यूजर पर अपना हाथ साफ कर लेगा। एक बार फ़ोन में मैलवेयर आ गया तो फिर उसे हटाना बेहद मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अपराधियों के पास आपके फ़ोन का सारा डाटा जाता रहता है। इसलिए मोबाईल में आए किसी भी मैसेज के लिंक को खोलने से बचना चाहिए।
बचाव के उपाय
एक्सपर्ट्स बताते है कि फ्री बाइट्स की सूचना ज्यादातर कंपनी अपनी एप्प के माध्यम से देती है। इसलिए वहीं पर चेक करें। गूगल प्ले स्टोर के बाहर से एप्प डाउनलोड करने से बचें।फ़ोन में एन्टी मैलवेयर रखें और उसकी सेटिंग्स ओर जाकर एप्प स्कैनिंग ऑन कर दें। जिससे कि कोई भी मैलवेयर फ़ोन में नहीं आ सके।