प्रदेश से विश्व हिन्दू परिषद ने मंदिरों—तीर्थ स्थलों की मिट्टी एकत्र की है। जयपुर से मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर, गोविंददेवजी मंदिर, गलता तीर्थ, घाट के बालाजी, ताडकेश्वर महादेव, झाडखंड महादेव, शिलामाता मंदिर सहित झूलेलाल मंदिरों की मिट्टी ली गई। इसके अलावा प्रदेश के बडे पवित्र स्थलों, मंदिरों की मिट्टी भी एकत्र की गई। इसमें जयपुर जिले से त्रिवेणी धाम, जमवायमाता मंदिर, शाकंभरी माता सांभर, ज्वाला माता मंदिर जोबनेर, वीर हनुमान मंदिर सामोद, पंचखंड पीठ विराटनगर की मिट्टी भी ली गई। वहीं सीकर जिले से खाटूश्यामजी, रेवासा पीठ, जीणमाता मंदिर, चूरू जिले से सालासर बालाजी, ददरेवा धाम राजगढ़, झुंझुनूं जिले से रानी सती मंदिर, सूर्य मंदिर लोहार्गल, शाकंभरी माता मंदिर उदयपुरवाटी, अलवर जिले से भर्तृहरि धाम पांडुपोल, नारायणी माता, दौसा जिले से मेहंदीपुर बालाजी, करौली जिले से मदन मोहनजी मंदिर, कैला माता मंदिर, सवाई माधोपुर जिले से त्रिनेत्र गणेशजी, टोंक जिले से डिग्गी कल्याणजी मंदिर की मिट्टी नींव मुहूर्त में शामिल की जाएगी। इन सभी जगहों की मिट्टी एकत्र कर डाक से अयोध्या भेजी गई हैं। इसके बाद सिंधी समाज ने जयपुर के करीब 21 झूलेलाल मंदिरों की मिट्टी एकत्र की, जिसे भी विश्व हिंदू परिषद को सौंपा गया। वहीं रेवासापीठ के राघवाचार्य महाराज भी तीर्थ स्थलों व मंदिरों की मिट्टी लेकर अयोध्या गए है।