तबादलों में पिछड़े द्वितीय श्रेणी और थर्ड ग्रेड टीचर्स
तबादला प्रक्रिया से वंचित द्वितीय श्रेणी और थर्ड ग्रेड टीचर्स
तबादलों में पिछड़े द्वितीय श्रेणी और थर्ड ग्रेड टीचर्स
जयपुर,
प्रदेश (State) के सरकारी स्कूलों (Govt Schools) में कार्यरत तृतीय श्रेणी शिक्षक (3rd grade teacher) तबादला प्रक्रिया (Transfer process) में पिछड़ गए हैं शिक्षा विभाग ने तबादला प्रक्रिया से इन्हें अब तक वंचित रखा है। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने तबादलों से रोक हटाते हुए शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक,व्याख्याता और द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं, जबकि इन सभी संवर्गो के तबादलों के लिए पहले ही ऑनलाइन आवेदन लिए जा चुके थे। दोनों बार तृतीय श्रेणी शिक्षक और प्रबोधकों को स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन करने से वंचित रखा गया। राज्य में शिक्षा विभाग में लगभग 4 लाख 55 हजार के करीब कर्मचारी हैं, जिनमें सर्वाधिक संख्या तृतीय श्रेणी शिक्षकों की है, जो लंबे समय से तबादलों की बाट जो रहे हैं।
डार्क जोन समाप्त करने की मांग
शिक्षक संघ रेसटा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से डार्क जोन समाप्त करते हुए तृतीय श्रेणी शिक्षकों, प्रबोधकों एवं पूर्व में वरिष्ठ अध्यापकों से लिए गए आवेदनों के तबादले करने की मांग की है। रेसटा के प्रदेशाध्यक्ष मोहर सिंह सलावद , प्रदेश महामंत्री ऋषि पाकड़, कोषाध्यक्ष श्याम सुंदर बिश्नोई ने कहा कि दोनों बार स्थानांतरण से वंचित रखना न्याययोचित नहीं है।
अपने गृह जिले में जाने की चाह
सलावद ने कहा कि डार्क जोन और टीएसपी क्षेत्र के शिक्षक भी वर्षों से अपने गृह जिले में जाना चाहते हैं। पिछले सत्र में भी सरकार ने प्रधानाचार्य, व्याख्याता के तबादले किए गए थे इनमें भी द्वितीय श्रेणी शिक्षकों के ऑनलाइन आवेदन ले लिए गए थे लेकिन इनके स्थानांतरण नहीं किए गए, इसलिए वरिष्ठ अध्यापकों के पूर्व में लिए गए आवेदनों के आधार पर तबादले किए जाएं। साथ ही पूर्व में भी तृतीय श्रेणी शिक्षकों के साथ सौतेला रवैया अपनाते हुए इन्हें स्थानांतरण से वंचित रखा गया जबकि तृतीय श्रेणी शिक्षक एवं प्रबोधक बरसों से स्थानांतरण की बाट जोह रहे हैं इनके भी घर परिवार हैं वह भी अपने गृह जिले में जाना चाहते हैं। डार्क जोन में कार्यरत तृतीय श्रेणी शिक्षकों को पांच साल उसी जिले में नौकरी करनी होती है। कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें 15 साल से भी अधिक समय हो गया लेकिन उनका तबादला नहीं किया।
संघ के जिलाध्यक्ष नारायण सिंह और कार्यकारी अध्यक्ष भावना मक्कड़ ने कहा कि संगठन की मांग है कि स्थानांतरण प्रक्रिया में पूर्व में जिन वरिष्ठ अध्यापकों ने ऑनलाइन आवेदन कर रखे हैं उनके तबादले किए जाएं। साथ ही डार्क जोन और टीएसपी सहित तृतीय श्रेणी शिक्षकों के भी ऑनलाइन आवेदन लिए जाकर इनके भी स्थानांतरण किए जाएं।
यह है स्थिति
शिक्षा विभाग में करीब 4.50 लाख शिक्षकों, लाइब्रेरियन, पीटीआई, प्रयोशाला सहायक, एचएम, प्रधानाचार्य, व्याख्याता,सेकंड व ग्रेड थर्ड शिक्षक के पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में इन स्कूलों में करीब पौने चार लाख शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या तृतीय श्रेणी शिक्षकों की ही है। जबकि तृतीय श्रेणी शिक्षकों एल.1 व एल.2 के करीब तीन लाख पद स्वीकृत हैं जिनमें से करीब 2.45 लाख शिक्षक वर्तमान में विद्यालयों में कार्यरत हैं इनमें प्रबोधक भी शामिल हैं।
डेपुटेशन पर बैठे शिक्षक: शिक्षा विभाग में एचएम, प्रधानाचार्य, व्याख्याता, सेकंड ग्रेड और ग्रेड थर्ड शिक्षक अप्रोच के चलते निदेशालय,सीबीईओ कार्यालयों में डेपुटेशन पर लगे हुए हैं। वहीं बहुत से ग्रेड थर्ड शिक्षक जिले में अपने नजकीक वाले स्कूलों में लगे हुए हैं। इन्हें तय समयावधि के बाद भी नहीं हटाया जा रहा है।
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