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जयपुर

रोक के बाद भी आखिर कहां से आ रही है जयपुर में बजरी

रूक नहीं रहा शहर में बजरी के आने का सिलसिला

जयपुरMay 02, 2018 / 12:38 pm

HIMANSHU SHARMA

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जयपुर

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बजरी खनन पर रोक के बावजूद भी शहर में बजरी के ट्रक पहुंचने का सिलसिला जारी है। जयपुर के अलग अलग थाना क्षेत्रों में हुई कार्रवाई में गत एक सप्ताह में करीब दो दर्जन से अधिक बजरी से भरे हुए ट्रक व ट्रेक्टर,ट्रोले पकड़े जा चुके है। जिसके बाद अब सवाल उठने लगा है कि सुप्रीम कोर्ट की बजरी खनन पर लगाई रोक के बावजूद भी आखिर जयपुर में बजरी कैसे पहुंच रही है। वही जानकारों की माने तो स्थानीय पुलिस व प्रशासन की मिलीभगत के चलते रोक के बावजूद बजरी के शहर में पहुंचने का सिलसिला जारी हैं। मिलीभगत के कारण ही खनन माफियाओं में पुलिस का कोई खौफ नहीं है तथा बजरी खनन माफिया के अवैध बजरी खनन का कारोबार फल-फूल रहा है। ऐसे ही एक मामले ने पुलिस ने कार्रवाई की है। जिसमें हरमाड़ा, मुरलीपुरा पुलिस व खनिज विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बनास नदी टोंक से अवैध रूप से बजरी भरकर लाए पांच ट्रकों को मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर रूकवाया। जिसके बाद जांच की तो उसमें बजरी भरी मिली जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पकड़ कर जब्त कर लिया और उन पर कार्रवाई की। जानकारी के अनुसार हैड कांस्टेबल रामलाल ने बताया कि मुखबीर द्वारा सूचना मिली थी कि अजमेर दिल्ली हाईवे स्थित हर्ष होटल के पास के 5 अवैध बजरी से भरे हुए ट्रक खड़े है। जिनको ड्राइवर बेचने की फिराक में है। इसी दौरान पुलिस ने मुखबीर द्वारा बताए हुए ठिकाने पर दबिश देकर ट्रकों को जब्त कर लिया। पुलिस ने इसकी सूचना खनिज विभाग को दी। सूचना मिलने पर पहुंची खनिज विभाग की टीम ने सभी ट्रकों से एमएमआर सीआर एक्ट में कार्रवाई कर ट्रकों को जब्त कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट के बजरी खनन और उसके परिवहन पर रोक लगाए हुए लगभग चार माह हो चुके हैं लेकिन बजरी माफिया फिर भी बजरी घर तक पहुंचा रहे हैं।
टोंक जिले से जयपुर में बजरी आ रही
बजरी टोंक से जयपुर पहुंच रही हैं। यह हालात जयपुर के ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश के हैं। जहां पर बजरी माफिया पुलिस और प्रशासन से भी बड़े हो चुके हैं। 400 फीट बजरी का ट्रक पहले करीब 15 हजार रुपए देने होते थे लेकिन अब उसी ट्रक को यह माफिया 50 से 60 हजार रुपए में बेच रहे हैं। टोंक से जयपुर तक पहुंचने में लगभग 10 थाना सर्किल आते हैं। दौसा सहित अन्य जिलों में पुलिसकर्मियों की मिलीभगत भी सामने आ चुकी हैं। अ
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