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जयपुर

उद्योगों की वित्तीय जरुरत बैंक करें पूरा

बैंकों से कार्यप्रणाली में बदलाव लाते हुए उद्योगों ( industries ) की वित पोषण व्यवस्था ( financing system ) को पारदर्शी और उदार बनाने की जरूरत है। जिस तरह से राजस्थान सरकार ( Rajasthan government ) ने उद्योगों की स्थापना ( establishment of industries ) के लिए पोर्टल पर दो मिनट में पावती पर तीन साल के लिए अनुमतियों व निरीक्षणों से मुक्त किया है, बैंकों को भी एमएसएमई उद्योगों को ऋण वितरण की इसी तरह की उदार नीति अपनानी होगी।

जयपुरJun 27, 2020 / 02:01 pm

Narendra Singh Solanki

उद्योगों की वित्तीय जरुरत बैंक करें पूरा

उद्योगों की वित्तीय जरुरत बैंक करें पूरा

जयपुर। बैंकों से कार्यप्रणाली में बदलाव लाते हुए उद्योगों की वित पोषण व्यवस्था को पारदर्शी और उदार बनाने की जरूरत है। जिस तरह से राजस्थान सरकार ने उद्योगों की स्थापना के लिए पोर्टल पर दो मिनट में पावती पर तीन साल के लिए अनुमतियों व निरीक्षणों से मुक्त किया है, बैंकों को भी एमएसएमई उद्योगों को ऋण वितरण की इसी तरह की उदार नीति अपनानी होगी। सूक्ष्म, लघु और मंझोले उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और संकट के इस दौर में सरकार के साथ ही बैंकों को सकारात्मक सोच के साथ समय पर आसानी से वित्तीय जरुरतों को पूरा कराने के लिए आगे आना होगा।
उद्योग व राजकीय उपक्रम मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि राजस्थान की सरकार ने उद्यमियों की समस्याओं व कठिनाइयों को समझते हुए निराकरण के ठोस प्रयास किए हैं। उन्होंने राजस्थान के उद्योगपतियों से राज्य में ही औद्योगिक निवेश का आह्वान किया। मीणा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान भी हमारी सरकार ने प्रदेश में योजनाबद्ध व चरणबद्ध तरीके से उद्योगों को शुरु करने के ठोस प्रयास किए है अन्य प्रदेशों की तुलना में राजस्थान में उद्योग धंघे पटरी पर आ सकें। उन्होंने बताया कि औद्योगिक विकास हमारी प्राथमिकता रही है यही कारण है कि नई उद्योग नीति के साथ ही निवेश प्रोत्साहन योजना में अन्य राज्यों से बेहतर सुविधा दी जा रही है यहां तक कि एसजीएसटी में 75 से 100 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। रीको के भूखण्डों की कीमत में 25 प्रतिशत तक की कमी की है।
केन्द्र के पैकेज घोषणा के साथ ही प्रदेश में टास्क फोर्स का गठन किया और सीमित समय में ही अपनी अंतरिम रिपोर्ट दे दी। उन्होंने बताया कि केन्द्र के पैकेज पर अभी सभी गाइड लाइनें जारी नहीं होने के कारण टास्क फोर्स को अंतरिम रिपोर्ट देनी पड़ी। राज्य सरकार बिजली के फिक्स चार्ज में छूट, नए निवेश को बढ़ावा देने, मुख्यमंत्री उद्यम प्रोत्साहन योजना में 10 करोड़ तक का ऋण 5, 6 और 8 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए 250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए पहलीवार निर्यात संवद्र्धन परिषद बनाई गई है।
फेडरेशन ऑफ राजस्थान एक्सपोर्टर्स के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिस तरह से प्रदेश में उद्योगों को प्रोत्साहित किया उसकी समूचे देश में सराहना की जा रही है। उन्होंने बताया कि अनेक प्रदेशों में अभी तक जेम ज्वैलरी उद्योगों में काम तक शुरु नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि आईआईजेजे द्वारा जेम ज्वैलरी की प्रशिक्षण देने को तैयार है। आत्मनिर्भर भारत या राजस्थान की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आर एण्ड पर खास ध्यान देना होगा। अरोड़ा ने कहा कि आज दुनिया के देशों में चीन का विरोाध है और इसका लाभ उठाने के लिए हमें आयात-निर्यात नीति को अधिक अनुकूल बनाना होगा।

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