किसानों को कर्जमाफी ( Farm Loan Waiver ) का पैसा चुकाने से सरकार की हालत और भी खराब होती जा रही है। ऐसे में गहलोत सरकार के पास बजट की कमी के चलते प्रदेश के सरकारी विभागों के भुगतान अटके पड़े हैं। इस स्थिति में सरकार अपने खाली खजाने को भरने के लिए टैक्स बढ़ाकर खजाना भरने में जुटी है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार नई आबकारी नीति के तहत देसी शराब पहले ही महंगी की थी। इसके बाद भारत निर्मित अंग्रेजी शराब की ड्यूटी बढ़ाकर उसे भी महंगा किया था। इसके अलावा बॉटलिंग प्लांट और डिस्टलरी में लागत बढ़ाई थी। नई नीति के लागू होने के बाद से देसी, अंग्रेजी शराब और बीयर तीनों की दरों में 10 से लेकर 50 रुपए तक की बढ़ोतरी हुई है। विभाग ने विदेशी शराब की इंपोर्ट ड्यूटी भी बढ़ाई थी।
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जनता से करीब 400 करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी1 जुलाई से प्रदेश सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं से बिजली पर फ्यूल सरचार्ज ( Fuel Surcharge ) के नाम पर 8 से 15 फीसदी अधिक राशि वसूलना शुरू कर दिया है। बिजली कंपनियों ने इस सरचार्ज के जरिए जनता से करीब 400 करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी कर ली है। नियामक आयोग के निर्देश पर फ्यूल सरचार्ज पहले बिजली खरीद की 10 फीसदी तक वसूल सकते थे लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है और इसी के साथ अब बिजली उपभोक्ताओं पर 55 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से भार पडऩे वाला है।