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जयपुर

Power Crisis : राज्य सरकार के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में कोयला व बिजली संकट- सिंघवी

छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार पर कोयला आपूर्ति नहीं करने के आरोप को सरासर गलत बताते हुए सरकार पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के कुप्रबंधन के कारण आज प्रदेश में विद्युत आपूर्ति का संकट पैदा हुआ है।

जयपुरOct 14, 2021 / 08:17 pm

Umesh Sharma

Power Crisis : राज्य सरकार के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में कोयला व बिजली संकट- सिंघवी

Power Crisis : राज्य सरकार के कुप्रबंधन के कारण प्रदेश में कोयला व बिजली संकट- सिंघवी

जयपुर।

छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार पर कोयला आपूर्ति नहीं करने के आरोप को सरासर गलत बताते हुए सरकार पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के कुप्रबंधन के कारण आज प्रदेश में विद्युत आपूर्ति का संकट पैदा हुआ है। राज्य सरकार की भिलाई में खान होने के बावजूद समय पर उत्पादन कर स्टॉक नहीं बढ़ाया।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सभी थर्मल पॉवर प्लांटों मे 15 दिनों का कोयले का स्टॉक रखना चाहिए। देश में कोयले से 70 प्रतिशत विद्युत उत्पादन होता है और देश में करीब 135 कोयले से चलने वाले थर्मल पॉवर प्लांट है। देश में थर्मल प्लांटों में सबसे ज्यादा बुरी स्थिति राजस्थान की है। राज्य सरकार खुद की जिम्मेदारी का ठीकरा केन्द्र सरकार पर फोड़ रही है, जबकि पिछले समय की भाजपा सरकार में ऐसा विद्युत संकट कभी पैदा नही हुआ। वर्तमान सरकार द्वारा जनता को भ्रमित किया जा रहा है, जबकि खुद राज्य सरकार ने ही अपनी लापरवाही के कारण इस तरह के हालात पैदा किए है।
छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की इकाई बंद

सिंघवी ने कहा कि छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की दूसरी व तीसरी इकाई पिछले एक माह से भी अधिक समय से बन्द पड़ी हुई है। छबड़ा थर्मल की दोनों इकाईयों में प्रतिदिन 60 लाख यूनिट विद्युत उत्पादन किया जाता था। चौथी इकाई के ईएसपी को ध्वस्त हुए एक माह से भी अधिक समय हो गया है। थर्मल प्रशासन की लापरवाही के कारण 9-10 वर्षो से थर्मल पावर प्रोजेक्ट की चौथी इकाई मे कार्यरत क्षेत्र के युवा बेरोजगारी का जीवनयापन करने को मोहताज है। यदि समय रहते सरकार द्वारा थर्मल पावर स्टेशनों पर कोयले का स्टॉक कर सुचारू रूप से विद्युत उत्पादन किया होता तो आज प्रदेश की जनता में विद्युत संकट का भय उत्पन्न नहीं होता।

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