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जयपुर

फिर बढ़ा कुनबा काकापो तोते का

न्यूजीलैंड में रहने वाले दुनिया के सबसे मोटे तोते काकापो की संख्या में एक बार फिर से इजाफा हो गया है

जयपुरApr 28, 2019 / 02:07 pm

Kiran Kaur

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फिर बढ़ा कुनबा काकापो तोते का

जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनियाभर में पक्षियों और जानवरों की संख्या में लगातार कमी आती जा रही है। वहीं कई जीव विलुप्ति की कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में एक सुखद खबर यह है कि न्यूजीलैंड में रहने वाले दुनिया के सबसे मोटे तोते काकापो की संख्या में एक बार फिर से इजाफा हो गया है। काकापो को गंभीर रूप से संकटापन्न पक्षी माना जाता है। सौ साल पहले तक न्यूजीलैंड में ये तोते बहुतायात में पाए जाते थे लेकिन फिर धीरे-धीरे शिकार की वजह से, जंगलों के नष्ट होने पर इनके आवास के छिनने और हानिकारक कीटनाशकों की वजह से इनकी संख्या में कमी होने लगी। वर्तमान में अब केवल 147 काकापो तोते ही शेष रह गए हैं। लेकिन हाल में ब्रीडिंग सीजन के दौरान नन्हें काकापो के जन्म से इनकी संख्या में इजाफा हुआ है और वैज्ञानिकों को इनके लिए जो डर था, उसमें कमी आई है। यह एक निशाचर और न उडऩे वाला तोता है जिसे कि न्यूजीलैंड में काफी पसंद किया जाता है। अभी तक इनकी संख्या काफी कम थी इसलिए हर तोते को एक नाम दिया गया है जैसे जो तोते काफी पुराने हैं उनके नाम अंग्रेजी में हैं बूमर, फ्लोसी और रूथ आदि जबकि नए तोतों के नाम न्यूजीलैंड की माओरी भाषा में रखे गए हैं।
रिमू ट्री के फलों में हुई वृद्धि ने बढ़ाई काकापो की संख्या
लम्बे समय से इन तोतों में प्रजनन क्षमता की कमी पाई जा रही थी लेकिन फिर कई कार्यक्रमों के तहत इनकी संख्या को बढ़ाया गया। इसी साल 76 चूजे अंडों में से बाहर आ चुके हैं और 60 वयस्क होने वाले हैं। इस तोते को रिमू ट्री का फल काफी पसंद आता है। इस साल 50 में से 49 मादा तोतों ने अंडे दिए हैं। इससे पहले सबसे अधिक अंडे वर्ष 2016 में हुए थे, जिनकी संख्या 37 थी। काकापो रिकवरी प्रोग्राम से जुड़े डॉ. एंड्रयू डिग्बी के अनुसार पिछले दो सीजन में इतने फल उगे हैं, जो कि 50 सालों में भी नहीं हुए। ऐसे में मादा काकापो को अच्छी तरह मालूम है कि यह समय प्रजनन का है।
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