जल संसाधन विभाग के अनुसार जुलाई में मानसून की बारिश शुरू होने से पहले बांध का जलस्तर 309.36 आरएल मीटर पर था। उसके बाद पहले दौर की बारिश में जलस्तर 31.82 आरएल मीटर तक पहुंच गया। बीच में मानसून कमजोर पड़ने के बाद जलस्तर 310.58 आरएल मीटर पर आ गया। दूसरे दौर की बारिश की शुरूआत के साथ ही 3 सितंबर को जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हो गई थी। 20 सितंबर को जलस्तर 311 आरएल मीटर को पार कर गया। जल संसाधन विभाग की माने तो इस मानसून अब तक करीब 1.88 मीटर पानी की आवक हो चुकी है।
बीसलपुर बांध से जलदाय विभाग वर्तमान में 5 प्रतिशत पेयजल की कटौती कर रहा है। इसका असर जयपुर में कम और अजमेर जिले में ज्यादा दिखाई दे रहा है। जिले के कई इलाकों में जलदाय विभाग 72 घंटे के अंतराल में एक बार पेयजल आपूर्ति कर रहा है। यदि बांध में पानी की आवक शुरू नहीं होती तो जलदाय विभाग जयपुर व अजमेर सहित अन्य स्थानों पर 20 से 25 प्रतिशत तक कटौती शुरू कर देता।
जल संसाधन विभाग की माने तो 6 अगस्त तक मानसून की झमाझम बारिश के चलते 101 सेंटीमीटर पानी की आवक हो चुकी थी। मानसून से पहले जलस्तर 309.36 मीटर था, जो 6 अगस्त तक 310.37 हो गया था।
बीसलपुर बांध पर अब तक पांच बार चादर चल चुकी है और इस बार भी चादर चलने का इंतजार शुरू हो गया है। त्रिवेणी से पानी की लगातार आवक के कारण चादर चलने की उम्मीद जगी है। बता दें कि बांध का कुल जलस्तर 315.50 मीटर है। जल संसाधन विभाग की माने तो वर्ष 2004 में पहली बार चादर चली थी। उसके बाद वर्ष 2006, 2014, 2016 और वर्ष 2019 में चादर चली थी। पिछली बार चादर चलने के दौरान जल संसाधन विभाग को बांध के सभी गेट खोलने पड़े थे। करीब 20 दिन तक बांध से पानी बाहर निकाला गया था।