दोनों दलों के नेताओं का दावा, मना लेंगे बागियों को
इधर सत्तारूढ़ कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के नेताओं के अपने-अपने दावे हैं। दोनों दलों के नेताओं का दावा है कि 4 दिसंबर को नाम वापसी क समय बीतने से पहले अपने-अपने बागियों को मना लेंगे और उनसे नामांकन वापस करवाए जाएंगे हालांकि पूर्व में हुए चुनाव के मुताबिक अधिकांश जगह बागी चुनाव मैदान में ही डटे रहे थे।
बागियों से हो सकता है दोनों दलों के प्रत्याशियों को नुकसान
पंचायत और जिला परिषद चुनाव में बागी प्रत्याशियों के चुनाव मैदान में डटे रहने से दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। पूर्व में भी हुए पंचायत और जिला परिषद चुनाव में बागी प्रत्याशियों के कारण भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों को कई जगह हार का सामना करना पड़ा था।
नामांकन के अंतिम दिन रिकॉर्ड नामांकन
वहीं दूसरी ओर गुरुवार को पंचायत और जिला परिषद चुनाव में नामांकन के अंतिम दिन रिकॉर्ड नामांकन दाखिल किए गए। कोटा, बारां, करौली और गंगानगर जिले की 30 पंचायत समितियों के 568 पंचायत समिति सदस्यों के लिए 3105 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन दाखिल किए तो तो वहीं चारों जिलों की 106 जिला परिषद सदस्यों के लिए 511 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
हालांकि शुक्रवार को नाम वापसी का दिन है, दोपहर 3 बजे तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। नाम वापसी के बाद ही राज्य निर्वाचन आयोग पंचायतों जिला परिषद चुनाव के फाइनल प्रत्याशियों की सूची जारी करेगा और उसके बाद चुनावी तस्वीर साफ होगी कि पंचायत जिला में चुनाव में कितने प्रत्याशी अब मैदान में डटे हैं।
गौरतलब है कि पंचायत-जिला परिषद चुनाव में भाजपा कांग्रेस ने बगावत के डर के चलते अपने प्रत्याशियों की घोषणा सार्वजनिक नहीं की थी और फोन के जरिए ही उन्हें सूचित किया गया था। बता दें कि चारों जिलों में पंचायतों जिला परिषद चुनाव 3 चरणों में होने हैं। पहला चरण 12 दिसंबर, दूसरे चरण के चुनाव 15 दिसंबर और तीसरे चरण के चुनाव 18 दिसंबर को होंगे । 21 दिसंबर को चारों जिला मुख्यालय पर मतगणना होगी और परिणाम जारी किया जाएगा।