पार्षदों ने चंद्रशेखर से कहा कि महापौर भाजपा की हैं या कांग्रेस की। संगठन हमें बताए की क्या करना है। हमारा कोई काम नहीं हो रहा है। यदि महापौर भाजपा की हैं तो संगठन उनको समझाए ताकि वार्डों में काम हो सके। ना तो वाले साधारण सभा की बैठक बुला रही हैं और ना ही ईसी की बैठक। धाभाई हमारी सुनती ही नहीं हैं। पार्षदों ने सीईओ की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए और कहा कि आयुक्त कमरे में नहीं आने देते और बाहर आकर मिलते हैं। पार्षदों की चंद्रशेखर के साथ करीब 15 मिनट तक मुलाकात चली। इस दौरान चेयरमैन सुखप्रीत बंसल, जितेंद्र श्रीमाली, पार्षद दिनेश कांवट, पारस जैन सहित कई पार्षद मौजूद रहे।
कुछ चेयरमैन चला रहे हैं नगर निगम पार्षदों ने चंद्रशेखर के समक्ष कुछ समिति चेयरमैन पर भी आरोप लगाए गए। पार्षदों ने कहा कि कुछ चेयरमैन ही नगर निगम चला रहे हैं। महापौर उनके कहने पर ही काम करती हैं। उनके वार्डों में ही विकास कार्य करवाए जा रहे हैं।
पहले होटल में की बैठक इससे पहले सभी पार्षद शहर के एक होटल में एकत्रि हुए। बैठक में सभी पार्षदों ने संगठन तक अपनी बात पहुंचाने का निर्णय किया। बताया जा रहा है कि ग्रेटर नगर निगम में महापौर पद की एक प्रबल दावेदार पार्षद की ओर से दिए गए भोज के नाम पर यह बैठक बुलाई गई थी। बैठक में कई चेयरमैन भी शामिल हुए। हालांकि चेयरमैन जितेंद्र श्रीमाली ने कहा कि 24 को प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का जन्मदिन है। उसे लेकर ही वो भाजपा मुख्यालय पहुंचे हैं। लेकिन उन्होंने यह स्वीकार किया कि महापौर काम नहीं कर रही हैं।