गहलोत मंत्रिपरिषद की बुधवार को हुई बैठक में दो मंत्रियों के बीच ‘हॉट टॉक’ का मामला आज भी गर्माया हुआ है। इस सिलसिले में अब भाजपा ने भी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उसे घेरना शुरू कर दिया है। भाजपा नेताओं ने मंत्रियों के बीच भिड़ंत को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए सरकार को निशाने पर लिया है।
‘आपसी “देखा-देखी” बाद में कर लें मंत्री’
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री व पाली सांसद पीपी चौधरी ने इस मामले पर कटाक्ष भरी प्रतिक्रिया जारी की है। उन्होंने कहा, ”माननीय मंत्रीगणों से निवेदन है कि यह आपसी “देखा-देखी” बाद में कर लें। परिवार के आपसी झगड़ों और अंतर्कलह से अब तो बाहर आ जाइए। प्रदेश कांग्रेस सरकार के कोरोना कुप्रबंधन और शासन अव्यवस्था से बुरी तरह जूझ रहा है, अब तो सुध ले लीजिए।”
‘विफलताओं पर आमने-सामने हो रहे मंत्री’
पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने भी सरकार की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करते हुए निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ‘एक तरफ़ पूरा प्रदेश कोरोना महामारी में राज्य सरकार की लापरवाही एव कुप्रबंधन से जूझ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ़ प्रदेश के मंत्री अपने ज़िलों में जाकर हालात संभालने की जगह एक दूसरे को देख लेने की धमकी देकर झगड़ रहे हैं। प्रदेश सरकार के मंत्री अपनी विफलताओं पर ख़ुद ही आमने सामने हैं।
धारीवाल-डोटासरा में हुई थी तनातनी
मंत्रिपरिषद की बैठक में बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और शिक्षा मंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बीच भिड़ंत हो गई। कहासुनी इतनी बढ़ी कि डोटासरा बैठक छोड़कर जाने के लिए खड़े हो गए। अन्य मंत्रियों ने समझाइश कर उन्हें बैठाया। लेकिन बात यहीं नहीं रुकी। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद भी दोनों में जमकर कहासुनी हुई। यहां भी अन्य मंत्रियों ने समझा-बुझाकर मामला संभाला।
हुआ यों कि मंत्रिपरिषद की बैठक के लिए सभी मंत्री सीएमआर पहुंचे थे। गहलोत अपने निवास के भीतर से वीसी के जरिए हॉल में बैठे सभी मंत्रियों से एक-एक कर बात कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने डोटासरा से पहले धारीवाल को बोलने का मौका दिया। धारीवाल ने अपनी बात रखी, उसके बाद डोटासरा से बात शुरू की।