उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ने सदन में कहा कि वासुदेव देवनानी उत्तेजना में वैल में आए तो जो उचित नहीं था। इस तरह के मामलों की पुनरावृति नहीं हो इसका प्रयास होगा। राठौड़ ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विधायक बलवान पूनियां ने भी सदन में खलल डाला था। राठौड़ ने कहा कि अध्यक्ष ही हमारा संरक्षण नहीं करेंगे तो हम कहां जाएंगे। संसदीय कार्य मंत्री भी अपना आचरण ठीक करें, सदन चलाने की जिम्मेदारी उनकी होती है लेकिन वे ही उकसाने का काम करते हैं।
इस पर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि देवनानी सही नहीं था, अध्यक्ष खड़े हेने के बावजूद वे लगातार होकर बोल रहे हैं,ये सही नहीं इससे गलत परंपरा बनती है। स्पीकर ने कहा कि आप जैसे वरिष्ठ विधायकों को उन्हें रोकना चाहिए था, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया अपने विधायक का पक्ष लिया। इस पर उपनेता प्रतिपक्ष ने राठौड़ ने कहा, आसन आहत हुआ है तो हम क्षमायाचना करते हैं। हम सदन चलाना चाहते हैं। इसके बाद गतिरोध खत्म हो गया।
विधायक दल की बैठक में बनी रणनीति
दरअसल विधानसभा में गतिरोध खत्म करने और सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने की रणनीति आज विधानसभा की ना पक्ष लॉबी में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में बनी थीं।
गौरतलब है कि सोमवार को स्थगन प्रस्ताव के मामले को लेकर भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी स्पीकर सीपी जोशी से बहस करने लग गए थे।
स्पीकर सीपी जोशी के खड़े रहने के बावजूद देवनानी अपनी सीट पर नहीं बैठे और लगातार बोलते रहे, जिस पर विधानसभा स्पीकर ने संसदीय कार्यमंत्री को देवनानी के निलंबन के लिए प्रस्ताव लाने को कहा। सदन में प्रस्ताव पास होने के बाद देवनानी को कार्यवाही में भाग लेने से निलंबित कर दिया था। जिसके विरोध में भाजपा विधायकों ने भी सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया था।