कोविड के हालात सामान्य होने के साथ ही भाजपा ने सरकार को जनविरोधी नीतियों के खिलाफ घेरना शुरू किया था। इसके लिए कई जिलों में जनाक्रोश रैलियां भी निकाली गई। मगर अब कोटा, बांरा, करौली और गंगानगर के साथ जयपुर, भीलवाड़ा और टोंक जिले में प्रस्तावित जन आक्रोश रैली भी रद्द कर दी गई है। जयपुर में भी विधानसभा सत्र के दौरान बड़ आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई थी, लेकिन फिलहाल उस पर असमंजस के बादल छाए हुए हैं। इसी महीने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का राजस्थान दौरा प्रस्तावित है। मगर कोविड परिस्थितियों की वजह से ना केवल इसमें देरी हो रही है, बल्कि इसके आगे खिसकने की भी संभावना है।
कोरोना काल की तरह सब वर्चुअल प्रदेश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर में प्रदेश भाजपा ने खुद को वर्चुअली मजबूत किया। इस दौरान सरकार का विरोध करने के लिए सोशल मीडिया और वर्चुअल प्लेटफार्म का उपयोग किया किया। यही नहीं पार्टी की बड़ी बैठकें भी इसी प्लेटफार्म पर ही हुई। भाजपा फिर उसी डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग को ज्यादा बढ़ावा देगी ताकि कोरोना की गाइड लाइन का उल्लंघन भी न हो और संगठनात्मक कामकाज भी चलता रहे।
नेताओं को देंगे सोशल मीडिया की ट्रेनिंग सोशल मीडिया की नई तकनीकों को लेकर भाजपा ट्रेनिंग भी देगी। अपने जनप्रतिनिधियों को सोशल मीडिया के जरिए किस तरह काम किया जाना है, इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए जिन नेताओं को आवश्यकता है, वो सोशल मीडिया विभाग से मदद ले पाएंगे। पूर्व में भी पार्टी ने कई नेताओं को इसकी ट्रेनिंग दी थी।