सिंघवी ने कहा कि वसुंधरा राजस्थान ही नहीं, देश की बड़ी नेता हैं। प्रदेश में जितनी लोकप्रियता राजे की है, उतनी किसी दूसरे नेता की नहीं है। उनका कोई विकल्प नहीं है। राजे में वोटों को 15 से 20 फीसदी स्विंग करने की क्षमता है। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार उनके नेतृत्व में ही बनी। 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 120 सीटें मिलीं, 2013 में 163 सीटें मिलीं और भाजपा की सरकार बनी। यही नहीं 2008 के चुनाव में भाजपा हारी, लेकिन 78 सीटें मिली, जबकि कांग्रेस को 96 सीटें मिली थी। उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव में कुछ लोगों ने साजिश के तहत एक नारा चलाया। बावजूद इसके भाजपा ने 73 सीटों पर जीत दर्ज की। आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे ही भाजपा की सर्वमान्य और सर्वाधिक शक्तिशाली नेता हैं।
36 कौम का समर्थन प्राप्त सिंघवी ने कहा कि राजे प्रदेश में जहां भी जाती हैं, उन्हें देखने और सुनने के लिए जनसैलाब उमड़ता है। जनता को एकत्रित करने की यह खूबी देश के चुनिंदा नेताओं के पास ही है। उन्हें प्रदेश की 36 कौम का समान रूप से समर्थन प्राप्त है। वे किसी जाति विशेष या क्षेत्र विशेष की नेता नहीं हैं।