ऐसे माना जा रहा है कि 10 मार्च तक भाजपा और कांग्रेस अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर देंगे। भाजपा की बात करें तो पार्टी के भीतर पिछले तीन दिनों से संभावित नामों को लेकर चर्चा चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के निवास पर पिछले दो दिनों से दावेदारों के समर्थक पहुंच रहे हैं।
रविवार को भी राजे के आवास पर दिनभर मिलने वालों का तांता लगा रहा। सूत्रों की माने तो आधा दर्जन नेताओं के नामों पर विचार हो रहा है। इनमें पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत, अरुण चतुर्वेदी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी, वर्तमान राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया, विजय गोयल और गु्र्जर नेता कर्नल बैंसला का भी चर्चा में हैं।
हालांकि संख्या बल के हिसाब से दो सीट कांग्रेस और एक सीट भाजपा के खाते में जा सकती है। इसी के मद्देनजर भाजपा इन नेताओं में किसे राज्यसभा भेजे, इस पर गंभीरता से विचार कर रही है। सूत्रों की माने तो किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पाती है तो इस पर निर्णय लेने का अधिकार केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ सकते हैं। बताया जाता है कि वर्तमान राज्यसभा सांसद फिर से राज्यसभा जाने के लिए दिल्ली में लॉबिंग कर रहे हैं।
बता दें कि नारायण पंचारिया, विजय गोयल और रामनारायण डूडी का राज्यसभा कार्यकाल 10 अप्रेल को समाप्त होने जा रहा है। इसी के चलते इन तीन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं।
भाजपा को होगा नुकसान
वहीं राज्यसभा चुनाव की बात करें तो मई 2019 तक प्रदेश सभी 10 राज्यसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा था, लेकिन भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन लाल सैनी के निधन से खाली हुई राज्यसभा की सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व पीएम मनमोहन सिंह निर्विरोध चुने गए थे और अब तीन में से दो सीटें भी कांग्रेस के खाते में जाएगी,ऐसे में प्रदेश की 10 में से 3 सीटों का नुकसान भाजपा को होगा।