राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा, रीट भर्ती में गड़बड़ी का मामला ( REET Paper Leak Matter ) गरमाने लगा है। एसओजी की ओर से नित नए खुलासों और धड़ाधड़ हो रही गिरफ्तारियों के बीच प्रदेश भाजपा ( Rajasthan BJP ) ने भी आक्रामक रुख अपना लिया है। पार्टी की तरफ से इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग पुरज़ोर तरीके से उठाई जा रही है। इसी क्रम में अब प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा ( BJYM ) ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।
सड़क से सोशल मीडिया तक अभियान
भाजयुमो ने रीट प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक आवाज़ बुलंद करना शुरू कर दिया है। युवा मोर्चा की ओर से शुक्रवार को माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर ट्रेंडिंग कैम्पेन शुरू किया गया। इसके तहत ‘#भाजयुमो_की_माँग_REET_में_CBI_जाँच’ नाम से कैम्पेन चलाया गया।
भाजयुमो के सुबह से शुरू हुए इस अभियान में कार्यकर्ताओं के साथ ही पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी ट्वीट करके अपना समर्थन दिया। सभी ने एकजुट होकर गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए रीट भर्ती परीक्षा में सामने आई गड़बड़ी की सीबीआई जांच की मांग की।
विरोध-प्रदर्शन से ‘हल्ला बोल’
रीट प्रकरण की सीबीआई जांच को लेकर भाजपा युवा मोर्चा सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के ज़रिये हल्ला बोल भी करेगा। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया की ओर से मिले निर्देश के बाद युवा मोर्चा पदाधिकारियों व ज़िला अध्यक्षों नेप्रदेश भर में विरोध-प्रदर्शन करने की तैयारी की है। इसके तहत सभी ज़िलों में कलक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा।
‘सरकार द्वारा प्रायोजित पेपर लीक’
भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि रीट पेपर लीक सरकार द्वारा प्रायोजित पेपर लीक है। पेपर कराने वाली एजेंसी ही पेपर लीक कराने में मुख्य रूप से सम्मिलित है। ऐसे में सरकार ने 26 लाख अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ खेलने का काम किया है।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के विधानसभा चुनाव से पूर्व जन घोषणा पत्र के माध्यम से रीट समीक्षा करते हुए विसंगतियों को दूर करने का वादा किया गया था। सरकार बनने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में विसंगतियाँ करने का काम कांग्रेस सरकार ने किया है।
‘आरोपियों को बचा रही सरकार’
भाजयुमो प्रदेशाध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि रीट पेपर लीक प्रकरण में एसओजी का अनुसंधान मुख्य अभियुक्त को पकड़ने के लिए नहीं, बल्कि मुख्य अभियुक्त को बचाने के लिए हो रहा है। अनुसंधान के माध्यम से सरकार के खिलाफ सबूत मिटाने का काम कर रही है, इसलिए निष्पक्ष जाँच के लिए अनुसंधान सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए।