पड़ताल में सामने आया कि 10 के नोटों की बाजार में किल्लत है। खुद आरबीआई में भी 10 के नोटों की गड्डियां नहीं मिल रही हैं। पत्रिका टीम बैंक में 10 के नोट लेने पहुंची और बैंक के बाहर गार्ड से पूछा तो उसने बाहर की रोक दिया। कहा कि 10 के नोट बैंक में नहीं हैं, दूसरे नोट मिल जाएंगे। पत्रिका टीम भीतर स्वागत कक्ष पर पहुंची, जहां बने काउंटर पर गड्डियां मिलती हैं।
– पत्रिका : आपके पास ये गड्डियां कहां से आती हैं?
– बिचौलिया : इसी बैंक से आती हैं, और कहां से आएंगी? रिजर्व बैंक तो एक ही है
– पत्रिका : कितना लेते हो और कितने देते हो
– बिचौलिया : 50 की गड्डी पर 70 और 100 की गड्डी पर 40 रुपए लेते हैं, आप ले आओ, आपको दे देंगे कमीशन
– पत्रिका : 10 के नोट इतने मंहगे क्यों दे रहो हो?
– बिचौलिया : 10 के नोट बंद होंगे, छपना बंद हो गए, इसीलिए किल्लत है, कहीं नहीं है, इनके भाव ज्यादा हैं
– पत्रिका : बैंक में आप गड्डी नहीं निकलवा सकते क्या?
– बिचौलिया : 15 दिन में एक व्यक्ति दो बार ही गड्डी निकलवा सकता है, यही नियम है
– पत्रिका : फिर इतनी गड्डियां आपके पास कैसे आती हैं?
– बिचौलिया : स्टाफ वाले एकसाथ 5-10 गड्डी ले आते हैं
– पत्रिका : किस हिसाब से देते हो?
– बिचौलिया : सीजन के अनुसार बदलते रहते हैं, शादियों में बढ़ जाते हैं
– पत्रिका : इतनी गड्डियों का क्या करते हो?
– बिचौलिया : यहां से सभी गड्डियां चौपड़ जाती हैं
(जैसा एक बिचौलिए से बातचीत में सामने आया)
– बैंक के बाहर दूध डेयरी, चाय की थड़ी और यातायात बूथ के पास बिचौलिए बैग लेकर खड़े रहते हैं
– कतार में खड़े लोगों से कहते हैं, बिना झंझट तुरन्त नोट मिल जाएंगे
– बैंक में गड्डियां नहीं होने की बात कहते हैं
– जो झांसे में आ जाए, उससे अधिक राशि वसूलकर गड्डियां थमा देते हैं
– कुछ मजदूरों को प्रलोभन देकर नोटों की गड्डियां मंगवाते हैं
– लंच पर बैंक से कुछ लोग आकर चोरी-छुपे कई गड्डियां बिचौलियों को देकर जाते हैं
– कोई शर्ट तो कोई जुराब में गड्डियां छुपाकर लाता है
– अपराह्न 4 बजे बाद सभी बिचौलिए चले जाते हैं
सूत्रों के अनुसार नोटबंदी के बाद से 10 के नोट आना बंद हो गए। बैंक में भी 10 के नोट नहीं के बराबर हैं। आरबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक बैंक में 10 के नोट अब नहीं हैं।
– घनश्यामदास बडाया, पर्सनल ऑफिसर, रिजर्व बैंक, जयपुर