अपने पहले ट्वीट में मायावती ने लिखा, ”राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने एक बार फिर बीएसपी के विधायकों को तोड़कर गैर-भरोसेमन्द व धोखेबाज़ पार्टी होने का प्रमाण दिया है। यह बीएसपी मूवमेन्ट के साथ विश्वासघात है जो दोबारा तब किया गया है जब बीएसपी वहां कांग्रेस सरकार को बाहर से बिना शर्त समर्थन दे रही थी।”
BSP के ये विधायक हुए कांग्रेस में शामिल बसपा विधायकों में उदयुपरवाटी से राजेन्द्र गुढा, नदवई से जोगिन्दर अवाना, करौली से लाखन सिंह, किशन बास से दीपचंद खेरिया, तिजारा से संदीप यादव तथा नगर से वाजिब अली शामिल है। पहले यह विधायक कांग्रेस को बाहर से समर्थन दे रहे थे।
बसपा पदाधिकारियों को पता ही नहीं चला! बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का बसपा प्रदेशाध्यक्ष सीताराम और प्रदेश प्रभारी धर्मवीर अशोक को देर रात तक पता ही नहीं चल पाया। बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने पर अब कांग्रेस विधायकों की संख्या 106 हो गई है। राष्ट्रीय लोकदल के डॉ़ सुभाष गर्ग पहले ही कांग्रेस सरकार को समर्थन देकर मंत्री बन चुके है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दस साल पहले भी बसपा के छह विधायकों को कांग्रेस में शामिल किया था। बसपा विधायकों केे कांग्रेस में विलय के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्य की राजनीति में काफी मजबूत हो गये है तथा इसका फायदा दो विधानसभा क्षेत्रों में उपचुुनाव तथा निकाय चुनाव में कांग्रेस को मिल सकता है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ़ सीपी जोशी ने स्पष्ट किया है कि बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय पर किसी प्रकार की अड़चन नहीं है।