शेयर बाजार ट्रेडिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, मोबाइल बैंकिंग, ऑनलाइन ग्रोसरी खरीद और ऑनलाइन शॉपिंग पर नेटबंदी का ताला लगा है। साथ ही ऑनलाइन कैब सर्विस के भी आज नेटबंदी से चक्काजाम है। ऑनलाइन फूड डिलीवरी के ऑर्डर भी 24 घंटे के लिए बंद है। पेट्रोल पंप पर भी ऑनलाइन और मोबाइल पेमेंट अटके हुए है। ऑनलाइन क्लास पर भी इंटरनेट बंदी से पढ़ाई की छुट्टी हुई है।
सबसे बड़ा नुकसान चिकित्सा जगत में देखने को मिला। चूंकि कई सारे गंभीर बीमारियों की रिपोर्टिंग आनलाइन ही होती है। सैकड़ों गंभीर पेशेंट का रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण चिकित्सक काफी परेशान दिखे। वहीं, डिजिटल लेने देन के बढ़ते प्रभाव के कारण लोगों ने जेब में पैसे रखने काफी कम कर दिए हैं। चूंकि अब चाय-पान की दुकानों में भी डिजिटल पेमेंट की सुविधाएं उपलब्ध हो गई हैं।
राजस्थान की जनता पिछले कई सालों से नेटबंदी यानी इंटरनेट पर रोक की सजा भुगत रही है। नेटबंदी के लिहाज से राजस्थान देश में दूसरे नंबर का राज्य बन चुका है, क्योंकि पिछले दस सालों में राजस्थान में सर्वाधिक 85 बार इंटरनेट पर सरकारी रोक लागू हो चुकी है। मुद्दा चाहे प्रतियोगी परीक्षा में नकल रोकने का हो या किसी इलाके में तनाव के बाद अफवाहों की रोकथाम का, प्रशासन को सबसे आसान तरीका अगर कोई नजर आता है तो वो है इंटरनेट पर पाबंदी।