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जयपुर

खरीदारों ने महंगे सोने से दूरी बनाई

जयपुर। सोने ( gold ) की ऊंची कीमतों से निवेशकों ( invester ) को तो फायदा हुआ है, लेकिन उसकी बिक्री ( sale ) फीकी पड़ गई है। कारोबारियों ( traders ) का कहना है कि लोग कीमतों में कमी का इंतजार कर रहे है और इससे बिक्री पर असर पड़ा है। ज्वैलरी कारोबारियों ( jewell Industry ) का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल बिक्री दस फीसदी पर आ गई है।

जयपुरOct 17, 2019 / 07:22 pm

Narendra Singh Solanki

खरीदारों ने महंगे सोने से दूरी बनाई

खरीदारों ने महंगे सोने से दूरी बनाई

बढ़ती कीमतों की वजह से इस बार धनतेरस पर सोने की चमक फीकी पड़ सकती है। एक्सपट्र्स ने ऐसी उम्मीद जताई है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में बढ़ोतरी और इंपोर्ट ड्यूटी में इजाफा इसकी एक बड़ी वजह हो सकता हैं। हर साल धनतेरस के दिन देश में 40 टन सोने की बिक्री होती है। कीमतें बढऩे और इंपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी का असर सोने की वजह सोने के आयात में भी गिरावट दर्ज की गई है। आपको बता दें कि भारत ने इस साल सितंबर में केवल 26 टन सोना आयात किया है, जबकि पिछले साल यह 81.71 टन सोना आयात किया गया था। पिछले साल की तुलना में इस बार आयात में 68.18 फीसदी की गिरावट देखी गई है।
एक अक्टूबर 2018 में सोने का भाव 3१,५०० रुपए प्रति दस ग्राम के करीब था, जो अब 3९ हजार रुपए को पार पहुंच गया है। एक साल में सोने भावों में ८००० रुपए प्रति दस ग्राम का उछाल आया है। पिछले १७ दिनों में सोना १२०० रुपए प्रति दस ग्राम तक उछल गया है। चांदी के भाव भी इन १७ दिनों में १४५० रुपए प्रति किलोग्राम तक चढ़ गए। पांच जुलाई को बजट में सोने पर आयात शुल्क 10 से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया था। व्यापार युद्ध गहराने और वैश्विक स्तर पर शेयर बाजार में गिरावट के दौर के बाद यह तेजी से चढ़ता रहा।
पुराने सोने की बिक्री
पुराने सोने की बिक्री ने सात साल के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, ग्राहकों ने 37.9 टन सोना पहली तिमाही में बेचा है। तिमाही के हिसाब से यह बिक्री सितंबर 2016 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर है।
सोना आयात कई सालों के निचले स्तर पर

मार्केट एक्स्पट्र्स का कहना है सरकार द्वारा जुलाई में आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी करने के बाद सोने का आयात पिछले कई सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया है। सर्राफा कारोबारियों के अनुसार तीन तरह के सोने की मांग होती है। एक शादी के लिए, त्योहारों में और नियमित मांग। नियमित मांग लिक्विडिटी संकट की वजह से पहले ही काफी कम है । लोग बढ़ी कीमतों की वजह से सोने में निवेश भी नहीं कर रहे हैं। इस फेस्टिवल सीजन में भी सोने की डिमांड कम ही रहेगी।

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