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जयपुर

उपचुनाव की उथल—पुथल: बवाल, सवाल और विवाद

by-election 2021 प्रदेश में दो सीटों पर होने हैं विधानसभा उपचुनाव

जयपुरAug 26, 2021 / 01:04 pm

Sameer Sharma

उपचुनाव की उथल—पुथल: बवाल, सवाल और ​विवाद

उपचुनाव की उथल—पुथल: बवाल, सवाल और ​विवाद

भाजपा में कटारिया अड़े, कांग्रेस में एक परिवार से होना चाहते हैं दो खड़े

वल्लभनगर विधानसभा सीटः उपचुनाव के ऐलान से पहले ही शुरू हो गया बवाल


जयपुर। राज्य की दो विधानसभा सीटों पर उप चुनाव को लेकर अभी कोई एलान नहीं हुआ है, लेकिन टिकटों को लेकर घमासान की शुरुआत हो चुकी है। उदयपुर जिले की वल्लभनगर सीट पर चल रहे टकराव ने प्रदेशवासियों की नजरें इस सीट की ओर मोड़ दी हैं। इस सीट पर टिकट को लेकर कांग्रेस के दिवंगत विधायक गजेन्द्र सिंह शक्तावत के परिवार में ही बवाल मचा हुआ है। इधर, प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट पर अभी दोनों दलों में उम्मीदवार को लेकर टकराव की बात सामने नहीं आई है।

कांग्रेस: दिवंगत विधायक की पत्नी-भाई हुए आमने-सामने
वल्लभनगर विधायक गजेन्द्र सिंह शक्तावत का कोरोना संक्रमित होने के चलते निधन हो गया था। ऐसे में कांग्रेस पार्टी क्षेत्र की सहानुभूति को देखते हुए उनकी पत्नी प्रीति शक्तावत को ही टिकट देने को लेकर मंथन कर रही है। उदयपुर जिले के प्रभारी मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के दौरे में होने वाले पार्टी कार्यक्रमों में भी शक्तावत शामिल हो रही हैं। वहीं अब तक शांत बैठे दिवंगत गजेन्द्र शेखावत के बड़े भाई देवेन्द्र शक्तावत मुखर हो गए हैं। उन्होंने सार्वजनिक रूप से मीडिया में बयान दिया है कि उन्हें कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया तो वे चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरेंगे। इसके बाद से कांग्रेस में इस सीट को लेकर उबाल आ गया है। हालांकि कांग्रेस नेता अभी कुछ बोल तो नहीं रहे, लेकिन उनका मानना है कि वे सुलह का रास्ता निकाल लेंगे।

भाजपा: कटारिया-भींडर के टकराव से बढ़ी रार
वल्लभनगर में भाजपा के लिए भी प्रत्याशी चयन करना आसान नहीं है। यहां नेताओं की बयानबाजी से साफ है कि टिकट के लिए गुटबाजी भारी है। इससे पार्टी के लिए भी परेशानी खड़ी हो गई है। भाजपा पिछले दो विधानसभा चुनावों में यहां तीसरे नम्बर पर रही है। इन हालात में यहां उम्मीदवार चयन करना आसान नहीं है। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और वल्लभनगर के पूर्व विधायक रणधीर सिंह भींडर के बीच बयानबाजी तेज है। वजह दोनों में पुरानी अदावत जगजाहिर है। कटारिया चाहते हैं कि भींडर भाजपा में नहीं आएं। हालांकि भाजपा के कुछ नेता अंदर खाने छह माह से भींडर परिवार के सम्पर्क में हैं और टिकट दिए जाने के पक्ष में हैं। लेकिन कटारिया की ओर से सार्वजनिक रूप से भींडर के विरोध में बयान दिए जाने से पार्टी में बवाल मचा हुआ है। भींडर भी कटारिया के खिलाफ खुलकर बयानबाजी कर चुके हैं। इससे भाजपा में भी टिकट का विवाद उलझ गया है।

टिकट विवाद पहुंचा सीएमआर, गहलोत ने दिए मामला सुलझाने के निर्देश
वल्लभनगर सीट पर टिकट को लेकर चल रहे विवाद और बयानबाजियों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने निवास पर बैठक बुला ली। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, विधायक गणेश घोघरा एवं पुष्कर डांगी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने उपचुनाव वाली दोनों सीटों को लेकर फीडबैक लिया। उन्होंने वल्लभनगर सीट पर टिकट मांगने को लेकर चल रहे पारिवारिक विवाद को समझबूझ के साथ सुलझाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी संगठित होकर जुटें और बिना विवाद के दोनों सीटों पर कांग्रेस की जीत के लिए जुट जाएं। गहलोत ने मंत्रियों को दोनों सीटों पर सघन दौरे करने के निर्देए, जिससे छोटे से बड़े स्तर तक पार्टी कार्यकर्ता वहां सक्रिय हो जाएं। उन्होंने मंत्रियों और विधायकों से जनता और कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुन कर उन्हें दूर करने के भी निर्देश दिए।
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