दरअसल रामसमंद से भाजपा प्रत्याशी दीप्ति माहेश्वरी वैश्य समाज से आती हैं। लादूलाल पितलिया भी वैश्य समाज से हैं, ऐसे में पार्टी दो वैश्य समाज के व्यक्तियों को टिकट नहीं दे सकती थी। राजसमंद में दीप्ति के अलावा कोई भी उपयुक्त प्रत्याशी सामने नहीं आया, इस वजह से लादूलाल पितलिया का टिकट काट दिया गया। इस कथित ऑडियो में जोगेश्वर गर्ग की ओर से ये बातें झंवर को कही गई हैं। खुद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां बार-बार यह कहते नजर आ रहे हैं कि पितलिया का नाम संभावितों की सूची में शामिल था। यही नहीं पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे में भी पितलिया को मजबूत प्रत्याशी बताया गया था। मगर दीप्ति माहेश्वरी को टिकट देने की वजह से पितलिया को टिकट नहीं दिया गया।
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने लादूलाल पितलिया को टिकट नहीं दिया था और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर 30 हजार वोट लिए थे। इसके बाद पिछले दिनों भाजपा मुख्यालय पर उन्होंने वापस भाजपा की सदस्यता ली और तय माना जा रहा था कि पार्टी उन्हें सहाड़ा से प्रत्याशी घोषित करेगी। मगर पितलिया की जगह पार्टी ने रतन लाल जाट को टिकट दे दिया। लादूलाल ने निर्दलीय नामांकन दाखिल करके नामांकन वापस भी ले लिया। इसके बाद से सहाड़ा में सियासत गर्माई हुई है।