शाम 7 बजे बाद संबंधित ऑपरेटर के स्तर पर तकनीकी खामी आ जाए तो केबल प्रसारण कम से कम 15 घंटे बाद ही दोबारा शुरू हो पा रहा है। राजधानी समेत राज्यभर में हजारों उपभोक्ता इससे परेशान हैं।
ब्रॉडकॉस्ट प्रसारण प्रावधान में मल्टी सिस्टम ऑपरेटर (एमएसओ) के लिए 14 घंटे (सुबह 8 से रात 10 बजे तक) कॉल सेंटर संचालित करना जरूरी है लेकिन केबल ऑपरेटर की जिम्मेदारी तय करने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है।
ऐसे में एमएसओ भी केबल ऑपरेटरों पर लगाम कसने में फेल साबित हो रहे हैं। परेशान उपभोक्ताओं ने ट्राइ के दिल्ली स्थित मुख्यालय में गुहार लगाई है। राजस्थान सलाहकार का ऑफिस जयपुर में है लेकिन तर्क दिया जाता रहा है कि सुनवाई मुख्यालय में ही होगी। गौरतलब है कि अकेले जयपुर में केबल से जुड़े करीब 3.50 लाख उपभोक्ता हैं।
ये हैं उदाहरण केस-01 अजमेर रोड, डीसीएम निवासी उत्तम सिंह आए दिन केबल प्रसारण बाधित होने से परेशान हैं। उनका कहना है कि शाम को प्रसारण बाधित हो तो वापस चालू होने के लिए लम्बा इन्तजार करना पड़ता है। एक-डेढ घंटे इंतजार करने के बाद केबल ऑपरेटर को शिकायत करो तो कॉल रिसीव नहीं होता या रात को टीम नहीं होने का हवाला दिया जाता है। सुबह भी 10 बजे से पहले केबल प्रसारण शुरू नहीं हो पाता।
केस-02 झोटवाड़ा निवासी अविनाश कुमार परेशान होकर ट्राइ के दिल्ली मुख्यालय से लेकर संचार मंत्री तक को पत्र भेज चुके हैं। उनका कहना है कि जब केबल प्रसारण 24 घंटे होता है तो खामी दूर करने की सेवा राउंड-द-क्लॉक क्यों नहीं? रात को टीवी देखने का समय मिलता है और उसी दौरान प्रसारण बाधित रहता है।
24 घंटे सुविधा, तो समाधान क्यों नहीं जहां चौबीसों घंटे काम होता है, वहां रात को अलग स्टाफ रहता है मगर केबल प्रसारण के मामले में ऐसा नहीं है। शाम सात बजे बाद केबल प्रसारण बाधित होने पर अगले दिन ही दुरुस्त होता है। उपभोक्ताओं का कहना है कि रात 10 बजे तक तो स्टाफ रहना ही चाहिए।
अफसर भी मौन
केबल प्रसारण, टैरिफ व अन्य मामलों में उपभोक्ताओं ने लगातार ट्राइ के स्थानीय अफसरों तक शिकायत पहुंचाई लेकिन कुछ नहीं हुआ। शिकायत दिल्ली मुख्यालय भेजकर इतिश्री कर ली गई।