जयपुर

CM गहलोत का ड्रीम प्रोजेक्टः बजट पेश करने से पहले ही तेज हुआ प्रचार-प्रसार, प्रदेश भर में लगे होर्डिंग्स

-बचत, राहत और बढ़त स्लोगन के होर्डिंग्स प्रदेश भर में लगाए गए, प्रदेश में 10 माह के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम माना जा रहा है गहलोत सरकार का अंतिम बजट,ऐसा पहली बार हो रहा है जब बजट से पहले ही बजट के होर्डिंग्स बैनर लगाए गए

जयपुरFeb 07, 2023 / 12:21 pm

firoz shaifi

जयपुर। 15वीं विधानसभा के चल रहे आठवें सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 10 फरवरी को अपनी सरकार का पांचवा और अंतिम बजट पेश करने वाले हैं, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि बजट पेश करने से पहले ही पांचवे और अंतिम बजट का प्रचार प्रसार सरकार की ओर से तेज हो गया है। 10 फरवरी को पेश होने वाले बजट को लेकर बड़े-बड़े होर्डिंग्स बैनर राजधानी जयपुर सहित प्रदेश के कई शहरों में लगाए गए हैं जिसे लेकर भी सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है।

सूत्रों की मानें तो यह यह हार्डिंग्स बैनर सरकार की ओर से अलग-अलग प्रमुख चौराहे पर लगाए गए हैं जो लोगों के बीच में चर्चा का विषय बने हुए हैं। बचत, राहत और बढ़त स्लोगन से लगाए गए होर्डिंग्स बैनर में लिखा है कि 10 फरवरी को आ रहा है राजस्थान बजट 2023, इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुस्कुराते हुए फोटो भी लगाई हुई है। सियासी हलकों में भी चर्चा इस बात की है कि ऐसा पहली बार हो रहा है जब गहलोत सरकार अपने पांचवें और अंतिम बजट को पेश करने से पहले ही उसके प्रचार प्रसार में जुटी हुई है।

मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है पांचवा और अंतिम बजट
दरअसल गहलोत सरकार का पांचवा और अंतिम बजट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है। पांच और अंतिम बजट को लेकर मुख्यमंत्री पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि यह बजट युवाओं और किसानों को समर्पित होगा। ऐसे में पांचवें और अंतिम बजट के जरिए बड़ी लोकलुभावन घोषणाएं करके मुख्यमंत्री गहलोत आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर युवाओं और किसानों को साधने का प्रयास करेंगे।

बजट घोषणाओं के अमलीजामा पहनाने की भी जल्दी
सूत्रों की माने तो पांचवें और अंतिम बजट में की जाने वाली घोषणाओं को लेकर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभी से ही प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दे दिए हैं कि बजट घोषणाओं के साथ ही जल्द से जल्द इनके क्रियान्वयन पर भी जोर दिया जाए जिससे कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगने वाली आचार संहिता से पहले पहले तमाम घोषणाओं को अमलीजामा पहनाकर उन्हें धरातल पर उतारा जाए जिससे कि आमजन को भी योजनाओं का लाभ मिल सके।

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