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जयपुर

राजस्थान के सबसे बडे अस्पताल में ऐसे तिल—तिल मर रहे हैं कैंसर मरीज

राजस्थान के सबसे बडे अस्पताल में ऐसे तिल—तिल मर रहे हैं कैंसर मरीज

जयपुरMay 19, 2018 / 01:56 pm

PUNEET SHARMA

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राजस्थान के सबसे बडे अस्पताल में ऐसे तिल

राजस्थान के सबसे बडे अस्पताल में ऐसे तिल—तिल मर रहे हैं कैंसर मरीज—पढें कैंसर विभाग के पूरे हालात

राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल के रेडियो थैरेपी विभाग के चिकित्सकों की आपसी खींचतान यहां आने वाले कैंसर मरीजों के लिए बीते दो साल से जानलेवा साबित हो रही है। क्योंकि रेडियो थैरेपी विभाग में कैंसर मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए 1.80 करोड रुपए में 60 बिस्तरों वाला नवनर्मित वार्ड दो साल बाद भी शुरू नहीं किया गया है। ऐसे में इस विभाग में जहां 100 मरीजों का भर्ती कर इलाज होना चाहिए वहीं यहां महज 40 मरीजों को ही भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। कैंसर के गंभीर मरीज यहां आते हैं तो उनको बिस्तर नहीं होने के कारण भर्ती ही नहीं किया जाता है और डे केयर देकर चलता कर दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक नहीं चाहते कि 60 बिस्तरों वाला वार्ड शुरू हो और किसी मरीजों की संख्या को देखते हुए यहां अतिरिक्त यूनिट बनें।

100 मरीज हो सकते हैं भर्ती लेकिन 40 ही कर रहे हैं
राज्य सरकार ने वर्ष 2013—14 में कॉलेज प्रशासन की मांग पर अस्पताल के रेडियो थैरेपी विभाग में कैंसर मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए 60 बिस्तरों का अतिरिक्त वार्ड बनाने के लिए 1.80 करोड रुपए स्वीकृत किए थे। वर्ष 2016 तक वार्ड बन कर तैयार भी हो गया लेकिन अब यह वार्ड दो साल से बंद है। क्योंकि न तो इस वार्ड को शुरू करने में अस्पताल प्रशासन ने रूचि ली और न ही विभाग के विभागाध्यक्ष ने। अब स्थिति ऐसी है कि जहां इस विभाग में 100 मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा सकता है वहीं 40 बिस्तरों पर ही मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है।

वरिष्ठ चिकित्सकों की आपसी खींचतान में फंसा वार्ड
न्यूज टुडे ने इस पूरे मामले की पडताल रेडियो थैरेपी विभाग में जाकर की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। पडताल में सामने आया कि अभी यहां दो यूनिटें हैं और मरीजों की बढती संख्या को देखते हुए यहां दो और अतिरिक्त यूनिटें बनाई जा सकती है। लेकिन वरिष्ठ चिकित्सक नहीं चाहते कि और यूनिटें बने और उनका काम बढे। लिहाजा वार्ड को शुरू करने के लिए जरूरी संसाधन ही नहीं जुटाए जा रहे है।
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हां यह सही है कि वार्ड को शुरू करने में काफी समय लग रहा है। लेकिन हमारे पास वार्ड के लिए बिस्तर नहीं है। दानदाताओं से वार्ता चल रही है। मौजूदा परिस्थति में नई यूनिट बनाने की कोई जरूरत नहीं है।
डॉ रोहिताश्व दाना, विभागाध्यक्ष, रेडियो थैरेपी विभाग
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यूनिट का क्या विवाद है मुझे नहीं पता। लेकिन यह सही है कि हमारे पास वार्ड के लिए बिस्तर नहीं है। अब जल्द ही व्यवस्था कर इसे शुरू कर दिया जाएगा।
डॉ डीएस मीणा, अधीक्षक
एसएमएस अस्पताल

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