कान्फ्रेन्स में मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. सुषमा भटनागर विभागाध्यक्ष पेलियेटिव कैयर एण्ड ओंको एनेस्थिसिया विभाग एम्स नई दिल्ली ने कहा किसी केमिस्ट से दर्द निवारक दवा नहीं लेनी चाहिए। चिकित्सक की सलाह से ही दर्द निवारक दवा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कौनसी दवा कितने अंतराल पर लेनी होती है यह भी निर्धारित होना चाहिए। सफल चिकित्सक का कार्य है भर्ती रोगी को दर्द से राहत दे।
डॉ. भटनागर ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशानुसार सन् 2014 में निर्देशित किया जा चुका है प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर पैलिएटिव, रिहेबिलेटेशन मेडिसिन व पेन मैनेजमैंट के चिकित्सक होने चाहिए। उन्होंने कहा चिकित्सक रोगी दवा की पर्ची पर बीमारी, जांच, उपचार तथा अंत में हस्ताक्षर भी करने चाहिए, जिससे न्यायिक प्रक्रिया नहीं उलझे और परेशानी से भी बचा जा सके।
यह विभाग मात्र कैंसर रोगियों के लिए ही नहीं अपितु यह विभाग किडऩी, हार्ट, लंग्स, पैनक्रियास प्रत्यारोपण तथा आईसीयू में भर्ती अन्य गम्भीर रोगियों के लिए भी बहुत जरूरी है। सभी प्रकार के रोगी जो कि किसी बीमारी के निदान के लिए लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती है उनका दर्द को कम करने के लिए है। कॉन्फ्रेन्स में कैंसर रोगियों के पैन मेनेजमेन्ट एवं निदान विषय पर विशेषज्ञ चिकित्सक अपने अनुभव शेयर किए। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. हेमंत मल्होत्रा तथा सचिव डॉ. प्रीति सोनी ने बताया कि अनेक वैज्ञानिक सत्रों का आयोजन हुआ।