राजस्थान सरकार ने आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने और नजर रखने के लिए जिला मुख्यालय पर ये तीसरी आंख लगाने का निर्णय किया था। इसके मद्देनजर अगस्त 2018 में अभय कमाण्ड सेंटर की स्थापना भी कर दी, लेकिन स्थापना के एक साल के बाद भी अभी तक मात्र 36 सीसीटीवी कैमरे ही ‘लाइव’ हैं। जबकि शहर में 396 कैमरे लगाने हैं। इनमें से फिजीबिलिटी 300 की बताई जा रही है।
नेट कनेक्टिविटी नहीं मिल पाने के कारण कैमरे लगाने के बाद भी उन्हें चालू नहीं किया जा सका है। दरअसल इन कैमरों से प्रोपर नेट कनेक्टिविटी 4096 बिट रेट की होनी चाहिए, लेकिन मिल पा रही है 512 की, ऐसे में कैमरे लाइव होने के बाद भी अपराधियों की शक्ल पहचान पाना मुश्किल हो जाता है। इन हालात के बीच 2 महीने पहले लगाए गए 55 कैमरे शुरू नहीं हो पा रहे हैं। शहर के गुलाब बाग चौराहा, जगदीश टॉकीज, लाल बाजार, पुराना डाकखाना चौराहा, जगन टॉकीज, राजकीय सामान्य चिकित्सालय, हरदेव नगर चौराहा, गौरव पथ, पैलेस रोड, तोप तिराहा, गडरपुरा, कचहरी मोड पर लगाए गए ये कैमरे शोपीस बनकर रह गए हैं।
हालात और व्यवस्थाएं चाहे जो हों, लेकिन अगर जल्द इन कैमरों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई गई तो अपराधी इस तीसरी आंख में हुए मोतियाबिंद का फायदा उठाकर पुलिस की आंख से काजल चुरा लेंगे।