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राजस्थान कांग्रेस में अब चैम्बर वार: उपाध्यक्ष से कराया कमरा खाली, बैठेंगे वरिष्ठ उपाध्यक्ष

locationजयपुरPublished: Jun 07, 2019 11:43:11 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

लोकसभा चुनाव में शिकस्त के बाद कांग्रेस में संगठन और सरकार के बीच बढ़ी खींचतान चैम्बर वॉर तक पहुंच गई है।

rajasthan congress
जयपुर। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections 2019) में शिकस्त के बाद कांग्रेस में संगठन और सरकार के बीच बढ़ी खींचतान चैम्बर वॉर तक पहुंच गई है। प्रदेश उपाध्यक्ष मुमताज मसीह (Mumtaz Masih) से शुक्रवार को प्रदेश मुख्यालय में आवंटित चैम्बर खाली करवा लिया गया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नजदीकी माने जाने वाले मसीह इस कमरे में लम्बे समय से बैठ रहे थे।
अब यह कमरा वरिष्ठ उपाध्यक्ष के नाम से आवंटित किया गया है। पहले दिन इस कमरे में प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के नजदीकी वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोपाल सिंह ईडवा बैठे नजर आए। प्रदेश कार्यालय में अब तक अध्यक्ष के अलावा उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव, कोषाध्यक्ष, महासचिव मुख्यालय, प्रवक्ता और कुछ अग्रिम संगठनों के अध्यक्षों के लिए ही कमरे आवंटित थे।
पहली बार मुख्यालय में वरिष्ठ उपाध्यक्ष को भी जगह दी गई है। राज्य में अभी ईड़वा के साथ विश्वेन्द्र सिंह और मास्टर भंवरलाल मेघवाल कुल तीन वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं। संगठन के अनुसार तीनों वरिष्ठ उपाध्यक्ष एक ही कमरे में बैठेंगे।
मसीह को अन्य सात उपाध्यक्ष के साथ एक ही कमरे में बैठने की जगह दी गई है। एकाएक हुए इस घटनाक्रम ने एक बार फिर कांग्रेस में गुटबाजी बढ़ा दी। कार्यकर्ता इसे सीधे तौर पर पायलट और गहलोत के बीच बढ़ती खींचतान के रूप में देख रहे हैं। शाम होने के साथ यह पूरा विवाद दिल्ली तक भी पहुंच गया।
Chamber war in rajasthan congress
कमरों में बैठने की व्यवस्था में बदलाव करना सामान्य प्रक्रिया है। इस तरह के बदलाव संगठन के स्तर पर होते रहते हैं। संगठन किसी को भी किसी भी कमरे में बैठा सकता है और कोई भी काम आवंटित किया जा सकता है। इसमें राजनीति की कोई बात ही नहीं है।
-मुमताज मसीह, प्रदेश उपाध्यक्ष

कार्यालय में वरिष्ठ उपाध्यक्षों को बैठाने के लिए कमरे की जरूरत थी। उपाध्यक्ष के लिए पहले से ही कमरा आवंटित है। इसलिए वरिष्ठ उपाध्यक्षों के लिए कमरा आवंटित किया गया है। इस कमरे में पहले महामंत्री मुख्यालय रमाकांत व्यास, पंकज पंचौली और अभाव अभियोग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राजेश चौधरी भी बैठते आए हैं।
-महेश शर्मा, प्रदेश महासचिव, संगठन
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