बैठक में वकील सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि वर्ड हैरिटेज में शामिल आमेर महल और मंदिर प्रदेश में सबसे ज्यादा सरकार को रेवन्यू देते हैं। इसके बावजूद राज्य सरकार आमेर के सर्वांगीण विकास के मामले में आज तक ध्यान नहीं दिया गया। आमेर में पर्यटन स्थलों पर ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं बढ़ई जाए, जिससे पर्यटकों का आवागमन और बढ़ेगा। इसके अलावा पर्यटन और हैरीटेज को लेकर बनाई गई कमेटियों में स्थानीय लोगों की भागिदारी सुनिश्चित की जाए, जिससे कमेटियां की बैठक के दौरान क्षेत्रीय समस्याओं को भी प्रमुखता से रखने का मौका मिल पाएगा। इसी तरह समाज सेवी दिनेश गुप्ता ने आमरे की पानी की समस्या को प्रमुखता से उठाया।
उनका कहना था कि आमेर के मावठा और सागर के लबालब रहने से इस क्षेत्र के महल किलों की अलग ही आभा दिखाई देती है, इन दोनों सरोवरों का आज तक जिर्णोद्धार नहीं किया गया, जिसके चलते ये आज रीते पड़े हैं। आमेर महल की शान मावठा को हमेशा भरा रखने के लिए जलदाय विभाग ने इस सरोवर को बिसलपुर की पाईप लाइन से भी जोड़ा, लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते मावठा में बिसलपुर भी सप्लाई ही बंद हो गई, जिसके चलते यह सरोवर सूखने के कगार पर आ गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता कुसुम जैन ने राज्य सरकार की ओर से आमेर विकास प्राधिकरण के लिए उठाए गए कदमों पर सवालिया निशान लगाया। पर्यटन स्थल के मामले में आमेर प्रदेश में सबसे ज्यादा रेवन्यू देने वाला क्षेत्र है। इसीके मद्देनजर आमरे की धरोहर की रक्षा के लिए आमेर विकास प्रधिकरण का गठन किया गया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसे अपने स्वार्थों के करणा प्रधिकरण में पूरे प्रदेश के क्षेत्र को शामिल कर लिया, जिससे आमेर के हितों के मामले में बहुत बड़ी हानी का सामना करना पड़ रहा है।
बैठक में ये भी रहे मौजूद
व्यवसाई संयज शर्मा, कय्यूम खां, सगीर खां, सामाजिक कार्यकर्ता ललित पारीक, केदार शर्मा, गोपी शर्मा, संतोष गुप्ता, शिक्षक सुभाष गुप्ता, रमेश मिश्रा, वकील लक्ष्मीकांत भारद्वाज, किशोर भट्टाचार्य, कलाकार भायाजी आदि शामिल हुए।