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जयपुर

बदल रही है स्कूलों की सूरत , डोनेट टू ए स्कूल के तहत अब तक 207 करोड़ का योगदान

मार्च में प्राप्त हुई एक करोड़ से अधिक की राशिभामाशाह दे रहे अपना योगदान

जयपुरApr 26, 2021 / 08:19 am

Rakhi Hajela

बदल रही है स्कूलों की सूरत , डोनेट टू ए स्कूल के तहत अब तक 207 करोड़ का योगदान

बदल रही है स्कूलों की सूरत , डोनेट टू ए स्कूल के तहत अब तक 207 करोड़ का योगदान



जयपुर, 25 अप्रेल

कोविड के कारण भले ही स्कूल बंद हो लेकिन इसके बाद भी प्रदेश के स्कूलों की सूरत संवर रही है। भामाशाह राज्य के सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए लगातार योगदान दे रहे हैं। गत माह भी स्कूलों को अच्छा आर्थिक सहयोग मिला। केवल मार्च में ही एक करोड़ रुपए से अधिक का दान भामाशाहों ने सरकारी स्कूलों को दिया। शिक्षा विभाग की ओर से जारी की गइ रैंकिंग में चूरू पहले स्थान पर है, जहां भामाशाहों ने स्कूलों को 23 लाख रुपए से अधिक का सहयोग दिया। बांसवाड़ा करीब दस लाख अठानवे हजार व सीकर करीब दस लाख अड़सठ हजार रुपए के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
रैंकिंग रकम और ट्रांजेक्शन के हिसाब से
आपको बता दें कि जिलों की रैंकिंग रकम और ट्रांजेक्शन के हिसाब से जारी की जाती है। इसमें रकम के मुताबिक राजधानी जयपुर 18वें नंबर पर है जबकि ट्रांजेक्शन के मुताबिक 21वें नंबर पर है। हनुमानगढ़ जिला 355200 रुपए के साथ नौवें स्थान पर रहा। इसके लिए कुल 37 ट्रांजेक्शन किए गए। ट्रांजेक्शन रैंकिंग में हनुमानगढ़ जिला 28वें स्थान पर रहा। इसका मतलब कि जिले में अन्य कई जिलों की तुलना में कम ट्रांजेक्शन में अधिक राशि प्राप्त हुई। ट्रांजेक्शन रैंकिंग में झालावाड़ जिला पहले स्थान पर रहा। वहां ट्रांजेक्शन तो 622 हुए लेकिन रकम केवल 127257 रुपए ही जमा हुई। 525 ट्रांजेक्शन के साथ नागौर दूसरे और पाली 314 ट्रांजेक्शन के साथ तीसरे स्थान पर रहे। राज्य में सबसे कम दान सिरोही के स्कूलों को मिला है। सिरोही रकम को लेकर 33वें जबकि ट्रांजेक्शन में 32वें स्थान पर है।
डोनेट टू ए स्कूल के जरिए कहीं से भी स्कूल को दान
जानकारी के मुताबिक ज्ञान संकल्प पोर्टल पर डोनेट टू ए स्कूल के जरिए कहीं से भी स्कूल को दान दिया जा सकता है। ऐसे एक्स स्टूडेंट्स जो अब विभिन्न जिलों, राज्यों या देश के बाहर रह रहे हैं वह भी अपने स्कूल के विकास के लिए आगे आ रहे हैं और ऑनलाइन मदद कर रहे हैं। ऑनलाइन पहले ट्रांजेक्शन के लिए दानदाता के रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होती। इस योजना में दान करने वालों को टैक्स में भी निर्धारित छूट मिलती है। अगर भामाशाह या दानदाता राशि देने के स्थान पर विकास कार्य करवाना चाहते हैं तो इसकी सुविधा भी इस योजना के तहत दी गई है। एसडीएमसी के खाते में रकम जमा हो जाती है। फिर स्कूल विकास प्रबंधन समिति उससे विकास कार्य करवाती है।
अब तक 207करोड़ की मदद
गौरतलब है कि दानदाता डोनेट टू ए स्कूल योजना के माध्यम से स्कूल की मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए अपना योगदान राजस्थान ज्ञान संकल्प पोर्टल के जरिए देते हैं। इसकी शुरुआत शुरुआत 6 अगस्त 2017 को गई थी। अब तक इसके जरिए 207 करोड़ रुपए का फंड जुटाया जा चुका है। इस पोर्टल की मदद से भारत का कोई भी नागरिक ऑनलाइन इस पोर्टल से सरकारी स्कूलों को दान दे सकता है।
यह है विभिन्न जिलों की स्थिति
जिले ट्रांजेक्शन रुपए
चूरू 180 2369533
बांसवाड़ा 151 1098722
सीकर 156 1068872
नागौर 525 712807
झुंझुनू 69 576991
चित्तौडगढ़ 106 398881
अजमेर 138 363988
बाड़मेर 213 358746
हनुमानगढ़ 37 355200
भरतपुर 101 335355
श्रीगंगानगर 95 323779
बीकानेर 80 300463
पाली 314 286492
अलवर 199 278874
टोंक 42 278891
उदयपुर 250 212783
बूंदी 214 211155
जयपुर 54 210881
कोटा 158 203130
भीलवाड़ा 165 178734
झालावाड़ 622 127257
दौसा 33 120881
जैसलमेर 213 118875
धौलपुर 47 118100
प्रतापगढ़ 50 108908
जोधपुर 112 96162
डूंगरपुर 39 95560
राजसमंद 35 84561
बारां 45 73113
जालौर 23 48085
सवाई माधोपुर 45 47211
करौली 9 10090
सिरोही 13 8560
कुल 4533 11124940

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