जयपुर

Chaturmas : पहले महीने में छोड़ते हैं शाक—सब्जी, दूसरे—तीसरे और चौथे महीने में किया जाता है इन चीजों का त्याग

बुधवार से चातुर्मास भी प्रारंभ हो रहे हैं. देव शयन एकादशी से ही चातुर्मास की शुरुआत होती है जो कार्तिक माह की देव प्रबोधिनी एकादशी तक चलती है. मान्यता है कि इस अवधि में विष्णुजी योगनिद्रा में लीन रहते हैं. इस अवधि में शुभ कार्य प्रतिबंधित किए गए हैं, चार माह का यह समय धर्म—कर्म में लीन रहकर गुजारने का महत्व बताया गया है.

जयपुरJul 01, 2020 / 06:02 pm

deepak deewan

Chaturmas 2020

जयपुर. 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी है. इसी के साथ बुधवार से चातुर्मास भी प्रारंभ हो रहे हैं. देव शयन एकादशी से ही चातुर्मास की शुरुआत होती है जो कार्तिक माह की देव प्रबोधिनी एकादशी तक चलती है. मान्यता है कि इस अवधि में विष्णुजी योगनिद्रा में लीन रहते हैं. इस अवधि में शुभ कार्य प्रतिबंधित किए गए हैं, चार माह का यह समय धर्म—कर्म में लीन रहकर गुजारने का महत्व बताया गया है.
ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक दीक्षित बताते हैं कि चातुर्मास में भगवान विष्णु की आराधना करनी चाहिए। प्रतिदिन सूर्योदय के समय स्नान इत्यादि से निवृत्त होकर पूर्ण भक्तिभाव से भगवान विष्णु की पूजा—अर्चना करें। इससे विष्णुजी के आशीर्वाद से जीवन में सभी सुख प्राप्त होते हैं.
चातुर्मास में चार महीने शामिल होते हैंं – सावन, भाद्रपद,आश्विन और कार्तिक. इन चारों माह में उपवास, व्रत और जप—तप आदि का विशेष महत्व बताया गया है. इस बार चातुर्मास में चार की बजाए पांच माह होंगे, चातुर्मास 23 जुलाई से 18 नवंबर तक रहेगा. ज्योतिषाचार्य पंडित नरेंद्र नागर के अनुसार चातुर्मास के पहले महीने सावन में शाक, हरे पत्ते वाली सब्जी का त्याग किया जाता है। दूसरे महीने भाद्रपद— भादों में दही का त्याग किया जाता है, तीसरे महीने आश्विन में दूध का त्याग किया जाता है और चौथे महीने कार्तिक में सरसों के तेल व उड़द की दाल का त्याग किया जाता है।
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